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फलीस्तीन के राजदूत पर चला अनुशासन का डंडा

इस्लामाबाद। आतंकी हाफिज सईद के साथ मंच शेयर करने पर इस्लामाबाद में फलीस्तीन के राजदूत वालीद अबू अली पर अनुशासन का डंडा चला है। फलीस्तीन इस्लामाबाद से अपने इस राजनयिक को वापस बुला रहा है। इसके अलावा फलस्तीन ने भारत के विदेश मंत्रालय को कहा है कि उनका देश इस मामले को गंभीरता से ले रहा है। ‘द हिन्दू’ के मुताबिक फलीस्तीन ने पाकिस्तान से अपने राजदूत को वापस बुलाने का फैसला किया है। इसके अलावा फलीस्तीन की सरकार ने इस घटना के लिए खेद जताया है। भारत में फलीस्तीन के राजदूत अबू अल हइजा ने कहा कि पाकिस्तान में हमारे राजदूत ने जो किया वह हमारे सरकार को स्वीकार्य नहीं है।

उन्होंने कहा कि फलीस्तीन की सरकार आतंक के खिलाफ युद्ध में भारत में का समर्थन करती है। भारत के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि फलीस्तीन ने भरोसा दिलाया है कि वे इस मामले में उचित कार्रवाई करेंगे। उन्होंने यह भी संदेश दिया कि फलीस्तीन भारत के साथ अपने संबंधों को गंभीरता से लेता है औप भारत के आतंक के खिलाफ जंग में हमारे साथ खड़ा रहने का भरोसा देता है। विदेश मंत्रालय ने यह भी कहा कि फलीस्तीन भारत के खिलाफ आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने वाले लोगों के साथ अपने रिश्ते नहीं रखेगा।

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विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि फलीस्तीन ने पाकिस्तान की घटना पर गहरा पश्चाताप जताया है और भारत को भरोसा दिया है कि वे इस मामले में गंभीर कार्रवाई करेंगे। बता दें कि 29 दिसंबर को रावलपिंडी में जब राजदूत वालिद अबू अली आतंकी हाफिज सईद के साथ मंच पर दिखे तो इसका भारत में कड़ा विरोध हुआ। इस घटना से महज 8 दिन पहले ही भारत ने संयुक्त राष्ट्र में फलीस्तीन के समर्थन में मतदान किया था और अमेरिका द्वारा फलीस्तीन में अपने दूतावास की जगह को बदलने का विरोध किया था। लेकिन इसके एक हफ्ते बाद ही संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित आतंकी के साथ मंच शेयर कर फलीस्तीन ने भारत की भावनाओं को गहरा चोट पहुंचाया था। पाकिस्तान में दिफा-ए-पाकिस्तान नाम के संगठन द्वारा आयोजित इस रैली की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो गईं थी।

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