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फर्जी डिग्री बनवाकर कर रहा था सरकारी शिक्षक की नौकरी, ऐसे हुआ खुलासा

देहरादून। उत्तराखंड के शिक्षा विभाग में अमान्य प्रमाणपत्रों से नियुक्ति के मामले में एसआईटी जांच में एक और मामला पकड़ में आया है। हरिद्वार के खानपुर ब्लाक में तैनात शिक्षक अंकित अपने मामा के बेटे के नाम पर फर्जी शैक्षिक प्रमाणपत्र बनवाकर नौकरी कर रहा था। सीबीसीआईडी की एसआईटी जांच में फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद आरोपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की सिफारिश की गई है।

अमान्य डिग्री के शिक्षकों की धरपकड़ को गठित सीबीसीआईडी की एसआईटी जांच में नया खुलासा हुआ है। अब तक अमान्य डिग्री से नौकरी के मामले उजागर हुए है। पहली बार हरिद्वार का एक शिक्षक दूसरे के नाम की डिग्री पर नौकरी करते हुए पकड़ा गया है। राजकीय प्राथमिक विद्यालय करनपुर, विकास खंड खानपुर (हरिद्वार) में तैनात शिक्षक भूपेंद्र कुमार के शैक्षिक प्रमाणपत्रों की जांच में यह फर्जीवाड़ा सामने आया है।

सीबीसीआईडी में एसपी मणिकांत मिश्रा के मुताबिक पंकज कुमार निवासी गांव फीना तहसील चांदपुर, बिजनौर का रहने वाला है। उसके मामा का बेटा भूपेंद्र कुमार निवासी सरकथल माधो तहसील धामपुर (बिजनौर) है। आरोप है कि पंकज ने भूपेंद्र कुमार के नाम से फर्जी शैक्षिक प्रमाणपत्र बनवाकर उत्तराखंड के शिक्षा विभाग में नौकरी पा ली थी। उसने भूपेंद्र को इसका पता नहीं चलने दिया। आरोपी अपनी पहचान छिपाकर भूपेंद्र के नाम से नौकरी कर रहा था।

पंकज के इस फर्जीवाड़े की पोल रिश्तेदार भूपेंद्र सिंह ने खोली। एसआईटी टीम जांच करते हुए भूपेंद्र के गांव पहुंच गई थी। भूपेंद्र ने आदर्श इंटर कॉलेज ऊमरी, बिजनौर से ही हाईस्कूल और इंटर किया था। प्रधानाचार्य ने दस्तावेज के आधार पर इसकी पुष्टि की। भूपेंद्र ब्लाक में संविदा पर नौकरी कर रहा है। यह भी पता चला कि भूपेंद्र ने न तो बीटीसी और न ही बीएड की थी। वोटर लिस्ट के अलावा ग्राम प्रधान ने भी इसकी पुष्टि की।

एसआईटी टीम के सामने भूपेंद्र ने उत्तराखंड के शिक्षा विभाग में नौकरी करने से साफ इंकार किया। राजकीय प्राथमिक विद्यालय में तैनात कथित भूपेंद्र का फोटो दिखा गया। असली भूपेंद्र ने खुलासा किया कि वह तो उसकी बुआ प्रकाशवती का बेटा पंकज कुमार है। भूपेंद्र ने अपने शैक्षिक प्रमाणपत्र भी एसआईटी के सामने प्रस्तुत किए। एसआईटी प्रभारी मणिकांत मिश्रा ने बताया कि जांच में साफ हो गया कि पंकज कुमार ने भूपेंद्र के नाम के शैक्षिक प्रमाणपत्र बनवाकर फर्जी तरीके से नौकरी प्राप्त की है। हालांकि भूपेंद्र ने इसकी जानकारी होने से इंकार किया है। पंकज की मां प्रकाशवती भी इस फर्जीवाड़े से नावाकिफ थी।

एसआईटी प्रभारी मणिकांत मिश्रा ने बताया कि जांच में आए तथ्यों के आधार पर शिक्षा निदेशालय को आरोपी पंकज कुमार के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने की सिफारिश की गई है। शिक्षा विभाग की तरफ से बताया गया कि ड्यूटी से नदारद पंकज उर्फ भूपेंद्र को फिलहाल निलंबित कर दिया गया है।

वहीं हरिद्वार जिले के तीन और शिक्षकों की डिग्री में इस तरह का खेल होने का शक है। एसआईटी की प्राथमिक जांच में कई चौंकाने वाले जानकारी आई है। एसआईटी अब उनके खिलाफ साक्ष्यों का संकलन करने में जुटी है। उम्मीद है कि अगले सप्ताह तक नया फर्जीवाड़ा सामने आने की उम्मीद है। अब तक एसआईटी 102 शिक्षकाें की अमान्य डिग्री की पोल खोल चुकी है।

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