फिलहाल रोक दिया गया देहरादून का नया ट्रैफिक प्लान, पढ़िये खबर
देहरादून। उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में पुलिस प्रशासन द्वारा लागू की गई नई यातायात व्यवस्था विवादों में घिर गई। दूनवासी इस व्यवस्था से परेशान होकर इसे पुलिस की तानाशाही बता रहे थे। तीन दिन के ट्रायल के बाद पुलिस ने शहर का नया ट्रैफिक प्लान फिलहाल वापस ले लिया है। अब पुलिस आमजन, व्यापारी, सिटी बस, विक्रम, ऑटो, टैक्सी आदि वाहन संचालकों की विभिन्न यूनियनों और जनप्रतिनिधियों से सुझाव लेगी। उसके बाद तमाम पहलुओं को परखकर स्मार्ट सिटी के काम शुरू होने से बदला गया ट्रैफिक प्लान लागू किया जाएगा।
सोमवार को रैली और प्रदर्शनों की वजह से शहर की ट्रैफिक व्यवस्था गड़बड़ा गई। घंटाघर और उसके आसपास तो ट्रैफिक की स्थिति फिर भी सही रही, लेकिन शहर के दूसरे तमाम हिस्सों में लगभग पूरे दिन सड़कें पैक रही। सोमवार को उत्तराखंड अधिकारी कर्मचारी समन्वय मंच सचिवालय कूच था। जबकि ई रिक्शा संचालकों का सीएम आवास घेराव था। जिन्हें पुलिस ने सुभाष रोड पर बैरीकेडिंग लगाकर रोक लिया।
वे वहीं धरना प्रदर्शन करने लगे। कई देर तक उनके सड़कों पर रहने से आसपास जाम लगा रहा। इसी तरह, भाजपा ने शिवाजी धर्मशाला से माजरा स्थित एक वेडिंग प्वाइंट तक नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष के स्वागत में रैली निकाली। वहीं, कांग्रेस की ओर से एस्लेहॉल चौक पर राज्य सरकार का पुतला दहन कर प्रदर्शन किया गया। इससे शहर के अलग-अलग हिस्सों में जाम नजर आया।
एसएसपी अरुण मोहन जोशी ने बताया कि देहरादून में जिस तरह से वाहनों का दबाव बढ़ रहा है और स्मार्ट सिटी के कार्यों को देखते हुए यातायात व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए नया वन वे यातायात प्लान का ट्रायल प्रारंभ किया गया था। ट्रायल के तौर पर तीन दिन यह प्लान लागू किया गया। ट्रायल के दौरान यातायात व्यवस्था में आए सकारात्मक परिणाम उम्मीद से कहीं बेहतर रहे। तीनों दिन ट्रायल के दौरान मैं खुद शहर के प्रमुख चौराहों पर स्वयं मौजूद रहा।
[wonderplugin_gallery id=”72″]स्थानीय व्यापारी वर्ग, आमजन, पब्लिक ट्रांसपोर्ट की यूनियनों केे पदाधिकारियों और पैदल चलने वाले लोगों से बातचीत कर इस प्लान से होने वाली दिक्कतों के बारे में जानकारी ली जाती रही। उनसे मिले सुझाव के अनुसार, जहां आवश्यक लगा ट्रायल के दौरान प्लान में बदलाव भी किया गया। फिलहाल इस प्लान को स्थगित किया गया है। इस प्लान के तहत ड्यूटी में लगे पुलिस अधिकारियों कर्मचारियों, व्यापारियों, आमजन, पब्लिक ट्रांसपोर्ट की यूनियनों आदि से सुझाव लिए जाएंगे। जो सुझाव उचित लगेंगे उनको परख कर बदलाव के साथ स्मार्ट सिटी के कार्यों से पहले बदला हुआ प्लान लागू किया जाएगा।