पश्चिम बंगाल में बाढ़ का क़हर, सात लोगों की मौत, ढाई लाख बेघर
कोलकाता। पश्चिम बंगाल के बाढ़ प्रभावित छह जिलों में कम से सात लोगों की मौत हो गई है और ढाई लाख से अधिक लोग बेघर हो गए हैं। राज्य सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंत्रियों को बचाव अभियान पर निगरानी रखने का निर्देश दिया है।
हुगली जिले में सेना और वायुसेना ने बचाव एवं राहत कार्य में लगी हैं। अधिकारी ने बताया कि लगभग ढाई लाख लोगों को बचाया गया और उन्हें सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। दक्षिण बंगाल के छह जिलों में बड़ी संख्या में घर क्षतिग्रस्त हुए हैं जहां दामोदर घाटी निगम के बांधों से पानी छोड़ा गया है और पिछले सप्ताह भारी बारिश हुई है।
पूर्वी बर्धमान, पश्चिम बर्धमान, पश्चिम मेदिनीपुर, हुगली, हावड़ा और दक्षिण 24 परगना जिलों के कई इलाके बाढ़ की चपेट में हैं, लोगों को कमर तक पानी से गुजरना पड़ रहा है। अधिकारी ने कहा कि अब तक सात लोगों की मौत हो चुकी है लेकिन उनका ब्योरा अभी उपलब्ध नहीं है। राज्य सचिवालय में हुई कैबिनेट की बैठक के दौरान बनर्जी ने मंत्रियों को अपने-अपने जिलों में मौजूद रहने और राहत एवं बचाव कार्यों की निगरानी करने का निर्देश दिया।एक लाख से अधिक तिरपाल, 1,000 मीट्रिक टन चावल, हजारों पीने के पानी के पाउच और साफ कपड़े प्रभावित लोगों के लिए भेजे गए हैं।
अधिकारियों का कहना है कि अभी तक बाढ़ के कारण हुए नुकसान का अनुमान नहीं लगाया है। फिलहाल हमारी एकमात्र प्राथमिकता प्रभावितों को बचाना है। पश्चिम मेदिनीपुर जिले के घाटल के बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा करने वाले पंचायत मंत्री सुब्रत मुखर्जी ने कहा कि वह बनर्जी को स्थिति से अवगत कराएंगे और स्थिति से निपटने के लिए कदम उठाए जाएंगे।
हुगली जिले के अधिकारियों के अनुसार, शनिवार की रात, रूपनारायण और गंधेश्वरी के पानी के तटबंधों में बड़ी दरारों के माध्यम से गांवों में प्रवेश करने के बाद, धन्यागरी, माझीपारा, समनातापारा, मन्नापारा, सौपारा सहित खानकुल ब्लॉक-2 के तहत कई गांव जलमग्न हो गए।निचले इलाकों में स्थित घर पूरी तरह से बह गए और लोगों को या तो तटबंधों पर या फिर दो मंजिला इमारतों की छत पर शरण लेनी पड़ी। उन्हें पूरी रात बिना भोजन और पानी के आसमान के नीचे रहना पड़ा।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “एनडीआरएफ की टीम को रविवार सुबह बचाव के लिए लगाया गया था, लेकिन तेज धारा के कारण वह पहुंचने में विफल रही। राज्य सरकार ने जिला प्रशासन से बात करते हुए भारतीय वायु सेना से बचाव अभियान में उनकी सहायता करने को कहा।”
उन्होंने कहा, “रविवार शाम को दो हेलीकाप्टरों को आरामबाग भेजा गया, लेकिन कम रोशनी के कारण बचाव अभियान शुरू नहीं किया जा सका। वायुसेना के हेलीकॉप्टरों ने सोमवार सुबह से बचाव अभियान शुरू किया और धन्यागुरी क्षेत्र के तटबंधों पर रहने वाले 31 लोगों को बचा लिया गया। इनमें एक नौ महीने का बच्चा भी शामिल है। उन्हें एयर लिफ्ट कर आरामबाग में बाढ़ राहत केंद्र लाया गया।