पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने बीजेपी सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा, दिया बड़ा बयान
देहरादून। ऊर्जा निगम के अधीक्षण अभियंता कार्यालय पर चल रहे धरने में पहुंचे कांग्रेस के पूर्व सीएम हरीश रावत ने मोर्चा खोल दिया। उन्होंने जनता से अपील की कि जो भी विभाग से पीड़ित है वह बस कांग्रेस बूथ पर आकर अपनी समस्या नोट करा दें। कांग्रेस की सरकार आने पर इस दौरान जो अधिकारी संंबंधित क्षेत्र में तैनात हैं, सबसे पहले उन्हें सेवानिवृत्त किया जाएगा। उन्होंने ऊर्जा निगम के साथ ही भाजपा सरकार पर भी निशाना साधा।
बृहस्पतिवार को कांग्रेस का ऊर्जा निगम के खिलाफ एससी कार्यालय पर धरना शुरू किया गया। धरनास्थल पर क्षेत्र के सभी विधायक, पूर्व विधायक और अन्य पदाधिकारी मौजूद रहे। इसी बीच धरनास्थल पर पूर्व सीएम हरीश रावत पहुंचे। उन्होंने कहा कि ऊर्जा निगम में इस वक्त कुव्यवस्था हावी है। ऊर्जा निगम से हर वर्ग पीड़ित है। आज स्थिति ये है कि एक ट्रांसफार्मर बदलवाने के लिए सिफारिशें करनी पड़ रही हैं।आज जिस गरीब का बिल गड़बड़ आ रहा है, जिन किसानों के फुंके ट्रांसफार्मर नहीं बदले जा रहे हैं और जिन लोगों का निगम अधिकारी या कर्मचारी शोषण कर रहे, वह बस कांग्रेस बूथ पर आकर अपनी समस्या दर्ज करवा दें।
इसके बाद कांग्रेस कार्यकर्ता इन शिकायतों के आधार पर संबंधित क्षेत्र में तैनात जेई, एसडीओ या अन्य बड़े अधिकारियों को चिह्नित कर लें। वह वायदा करते हैं कि कांग्रेस की सरकार आने पर सबसे पहले इन अधिकारियों को ढूंढ़कर ट्रांसफर नहीं बल्कि सीधा रिटायर कराया जाएगा। इसके बाद उन्होंने एससी कार्यालय पर सांकेतिक तौर पर ताला लगाया। चेतावनी दी कि यदि व्यवस्थाओं में सुधार नहीं आया तो ये ताला स्थायी रूप से लगेगा।
विधायकों का भी ऊर्जा निगम के खिलाफ फूटा गुस्सा
धरनास्थल पर भगवानपुर विधायक ममता राकेश ने कहा कि इस बार आई बाढ़ में मानक मजरा गांव के जंगलों में खंभा टूट गया था। ऊर्जा निगम ने इसकी सुध नहीं ली। एक दिन खंभे के तार में आ रहे करंट की चपेट आकर एक छात्र की मौत हो गई। आरोप है कि अधिकारी कर्मचारी पहले क्षेत्र में छापे मारते हैं फिर गरीब लोगों पर केस दर्ज कर करने की धमकी देकर अवैध वसूली कर रहे हैं। पूर्व विधायक काजी निजामुद्दीन ने कहा कि कांग्रेस की सरकार में एक कार्यकर्ता के कहने पर गरीब लोगों की बिजली संबंधित समस्याएं 24 घंटे में हल हो जाती थी। आज विधायकों के कहने पर भी तीन-तीन महीने बाद भी ट्रांसफार्मर नहीं बदले जा रहे हैं।
क्षेत्र में चेकिंग के लिए घुसे तो अब लाठी-डंडों से होगा स्वागत
भगवानपुर विधायक ममता राकेश, पूर्व विधायक काजी निजामुद्दीन समेत गुस्साए कांग्रेस विधायकों और अन्य कार्यकर्ताओं ने कहा कि ऊर्जा निगम की टीम अलसुबह किसानों के घरों में घुसकर चेकिंग के नाम उनका शोषण कर रही है। आज तक किसी एक फैक्टरी पर छापा मारने की हिम्मत नहीं जुटा पाई। इन फैक्टरियों पर करोड़ों रुपये बकाया है। अधिकारी फैक्टरियों पर करम कर रहे हैं। आरोप है कि ऊर्जा निगम की टीम चेकिंग के नाम पर घर में मौजूद महिलाओं के साथ बदसलूकी कर रही है। चेतावनी दी कि अब यदि ऊर्जा निगम की टीम क्षेत्र में चेकिंग के लिए घुसी तो उनका लाठियों और डंडों से स्वागत किया जाएगा। इसकी पूरी जिम्मेदारी विभाग के अधिकारियों की होगी।
खराब ट्रांसफार्मर पर रात में धरना देंगे रावत
धरने के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कार्यकर्ताओं से कहा कि क्षेत्र में ऐसे ट्यूबवेल के ट्रांसफार्मर की तलाश करें जो एक महीने से खराब हैं और जिसे बार-बार कहने पर भी नहीं बदला जा रहा। वह दो फरवरी के बाद ऐसे ट्रांसफार्मर पर रात नौ बजे एक से डेढ़ घंटे बैठकर धरना देंगे। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया ट्रांसफार्मर किसी कांंग्रेसी का नहीं आमजन का होना चाहिए।
विरोध करना भी नहीं सीख पाए कांग्रेसी
धरनास्थल पर पहुंचने के कुछ देर तक हरीश रावत बैठे रहे। संचालनकर्ता कार्यक्रम आगे बढ़ा रहे थे। इसी बीच उन्होंने माइक हाथ में ले लिया। सात साल हो गए कांग्रेसियों को विपक्ष की भूमिका निभाते हुए लेकिन आज तक कांग्रेसियों को विरोध करना नहीं आया। इसके बाद उन्होंने स्वयं ऊर्जा निगम के खिलाफ नारेबाजी शुरू की। कहा कि अपने पेट में दबे गुस्से को जुबान तक लाने की जरूरत है। तभी जनता का भी गुस्सा बाहर आएगा।