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पूर्व सीएम हरीश रावत ने भाजपा सरकार पर बोला बड़ा हमला, कही ये बात

उन्होंने कहा, कि सीएम के सड़कों का गड्ढा मुक्त करने के आदेशों का पालन नहीं हो रहा है। उन्होंने आगे कहा कि एक तारीख, मजदूर दिवस के कार्यक्रमों में भाग लूंगा, उसके बाद 4 और 5 तारीख को अल्मोड़ा में शिल्प उन्नयन संस्थान के निर्माण की उपेक्षा को लेकर रात और दिन का धरना दूंगा।

हरिद्वार। कांग्रेस नेता व पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने प्रेसवार्ता कर राज्य की भाजपा सरकार पर हमला बोला। उन्होंने इकबालपुर चीनी मिल पर किसानों के बकाया देय के मांग को लेकर नौ मई को चीनी मिल के बाहर चौबीस घंटे का उपवास करने के ऐलान को दोहराया। पनियाला मार्ग की बदहाल हालत पर नाराजगी जताते हुए कहा कि यदि सरकार उसको ठीक नहीं कराती तो वह 11 मई को इस मार्ग पर बैठकर एक घंटे मार्ग को अवरुद्ध कर सरकार को चेताने का काम करेंगे। हरीश रावत ने कहा कि भाजपा सरकार किसान विरोधी है। गन्ने के दामों में बढ़ोत्तरी न करके यह साबित कर दिया है। एक तरफ चीनी के दाम लगातार बढ़ रहे हैं। लेकिन किसान को उनके गन्ने की फसल की। उचित कीमत नहीं दी जा रही। कहा कि इकबालपुर शुगर मिल पर 200 करोड़ का बकाया है। लेकिन सरकार की चुप्पी बता रही है कि शुगर मिल के मालिकों को सरकार का आशीर्वाद प्राप्त है।

उन्होंने कहा, कि सीएम के सड़कों का गड्ढा मुक्त करने के आदेशों का पालन नहीं हो रहा है। उन्होंने आगे कहा कि एक तारीख, मजदूर दिवस के कार्यक्रमों में भाग लूंगा, उसके बाद 4 और 5 तारीख को अल्मोड़ा में शिल्प उन्नयन संस्थान के निर्माण की उपेक्षा को लेकर रात और दिन का धरना दूंगा। 6 मई को मोहनरी में काफल मेला। 9 मई को 24 घंटे का इकबालपुर चीनी मिल के सामने “उपवास कम धरना” और उसके बाद 11 मई को “कांग्रेस से जुड़ो” अभियान कार्यक्रम की विधिवत शुरुआत ढंढेरा से नगला इमरती तक करूंगा, इसी दिन रुड़की पनियाला मोटर मार्ग की दुर्दशा को लेकर आधे घंटे के लिए यातायात बाधित करूंगा, फिर इसी प्रकार कार्यक्रमों का लगातार सिलसिला है। मेरे किसी शुभ चिंतक ने पूछा कि इतना क्यों ? मैं भी कभी-कभी अपने मन में सवाल करता हूं कि इतना सब कुछ क्यों? फिर मेरा ही मन कहता है यदि आज नहीं तो फिर कब?

उन्होंने कहा, कांग्रेस के अपने कार्यकर्ताओं से विशेष तौर पर वरिष्ठ पदों पर रह चुके लोगों से एक अलग प्रकार की अपेक्षा है। मगर कुछ उत्तराखंड के लोगों की भी अपेक्षा है। महंगाई के साथ बिजली, पानी, हाउस टैक्स और भूमि के सर्किल रेट, सब चीजों की बढ़ती हुई दरें जले में नमक का काम कर रही हैं। नल हैं तो पानी नहीं, स्कूल हैं तो अध्यापक नहीं, चिकित्सालयों में डॉक्टर नहीं हैं, सड़कों में जगह-जगह पर गड्ढे ही गड्ढे दिखाई दे रहे हैं, बिजली कटौती रोजमर्रा की बात हो गई है, घंटो का ट्रैफिक जाम हमारी पहचान बनता जा रहा है, एक अजीब सी स्थिति है उत्तराखंड में! कांग्रेस इन मुद्दों पर लगातार लड़ रही है, मगर जिस प्रकार से आज 20-20 मैच में इंपैक्ट प्लेयर की बात कही जा रही है तो कुछ राजनीतिक पदों पर रह चुके लोगों को इंपैक्ट प्लेयर के तौर पर भी काम करना चाहिए, ताकि वो एक नैतिक दबाव राज्य सरकार व प्रशासन पर पैदा कर सकें। आखिर ये बेरोजगार नौजवान किसकी तरफ देखेंगे! शायद ही कोई दिन ऐसा नहीं जाता है जब मैं देहरादून होता हूं, तो जिस दिन उतनी दूरी से चलकर के बेरोजगार लड़के-लड़कियों का कोई न कोई ग्रुप आकर के अपने भविष्य को लेकर शिकायत करता है। दूसरी तरफ उपनल के माध्यम से कार्यरत नौजवान एक अनिश्चित भविष्य के भंवर में फंसे हुए हैं, उन्हीं की तरीके से अतिथि शिक्षक भी हैं और भी बहुत सारे नौजवान/लोग हैं जो कहने को राजकीय सेवाओं में हैं, मगर एक अनुच्छेद भविष्य के धुधलके में उनको कुछ दिखाई ही नहीं दे रहा है। प्राइवेट्स कंपनियों में निरंतर कर्मचारियों की छटनी हो रही है, जहां छटनी नहीं हो रही है वहां लोगों को विवश किया जा रहा है कि वह कम वेतन पर काम करें, चारों तरफ उनका शोषण हो रहा है। शराब का आलम यह है कि हाईकोर्ट को कहना पड़ रहा है कि शराब का टैट्रा पैक नहीं चलेगा, पर्यावरण के लिए खतरा पैदा हो जाएगा। शराब के जितने आउटलेट हैं उससे कई गुना ज्यादा अब सब आउटलेट्स नई पॉलिसी के अंतर्गत काम करेंगे, ताकि गांव-गांव में एक शराब का आउटलेट बन जाए। भ्रष्टाचार का आलम भी चिंताजनक है।

उन्होंने कहा, एक पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि कमीशन का प्रतिशत पहले से दो गुना हो गया है। सरकार की तरफ से कोई खंडन नहीं आया! गन्ना किसान अपमान का घूंट पीकर बैठा हुआ है। चीनी के दाम दुनिया में आसमान पर और उत्तराखंड में गन्ना किसान बेबस है कि पुरानी दर पर ही अपने गन्ने को बेचने के लिए, इकबालपुर और काशीपुर की चीनी मिलों से सेवित किसानों का वर्षों का बकाया है, उसका भुगतान नहीं हो पा रहा है। फसलों को जो नुकसान पहुंचा, उसकी कोई देखरेख करने वाला नहीं है, जंगलों में बंदर, सूअर, जड़ाऊ, आदि ये सब तो थे ही थे, अब आग और बाघ रही सही कसर पूरी कर रहे हैं, राज्य का एक भाग निरंतर पलायनित हो रहा है, जोशीमठ को लेकर कोई ठोस योजना नहीं है, प्राकृतिक आपदा पीड़ितों को सहायता के नाम पर अभी तक सरकार केवल ठेंगा दिखा रही है,अंकिता हत्याकांड के मुख्य अभियुक्त वीआईपी को सरकार खोजना ही नही चाहती है, फेहरिस्त लंबी है इसलिये परिस्थितियां पुकारती हैं कि तुम्हारा कर्तव्य क्या है? इसलिए मैंने तय किया है कि मैं शक्ति सझोऊंगा और छोटी-छोटी कांग्रेस से जुड़ो यात्राएं प्रारंभ करूंगा। देखता हूं एक इंपैक्ट प्लेयर का रोल ठीक से अदा कर पाता हूं या नहीं कर पाता हूं। जनता ने तो बोली लगाई ही नहीं, लेकिन फिर भी विपक्ष की टीम उत्तराखंड के लिए हाजिर हूं, जो भी हौसला मुझ में है वो उत्तराखंड को समर्पित है।

प्रेसवार्ता में महानगर कांग्रेस अध्यक्ष सतपाल ब्रहमचारी, जिलाध्यक्ष राजीव चौधरी, कार्यकारी महानगर अध्यक्ष अमन गर्ग. मुरली मनोहर, ओपी चौहान, सुंदर मनवाल, राजवीर चौहान, विपिन पेवल, गौरव चौहान, सुशील राठी, अमित नौटियाल, राहुल चौधरी मौजूद रहे।

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