बिहार में गंडक नदी का बांध टूटा, 1000 से ज्यादा गाँव डूबे
पटना। नेपाल और उत्तर बिहार में पिछले चार-पांच दिन से हो रही बारिश के चलते गंडक नदी उफान पर है। गोपालगंज और पूर्वी चंपारण में शुक्रवार को गंडक का बांध तीन जगह टूट गया। बांध टूटने से 1000 से ज्यादा गांवों में पानी भर गया। लोग जान बचाने के लिए ऊंची जगहों की ओर पलायन कर रहे हैं। जिले के एक लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हैं। जिला प्रशासन और एनडीआरएफ की टीम बाढ़ में फंसे लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचा रही है। सारण और सीवान जिले में भी बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है।
गोपालगंज जिले में देवापुर के पास सारण मुख्य बांध टूट गया है। पानी तेजी से एनएच 28 की ओर बह रहा है। इससे सड़क कटने का खतरा है। हादसों को रोकने के लिए कई जगह बैरिकेडिंग की गई है। देवापुर में 12 साल का बच्चा पानी में बह गया। उसकी तलाश की जा रही है। मांझागढ़ के पुरैना में भी सारण बांध टूट गया, जिससे इलाके में अफरा-तफरी मच गई।
पूर्वी चंपारण जिले की भवानीपुर पंचायत के निहालु टोला में गंडक नदी पर बना चंपारण बांध 10 फीट की चौड़ाई में टूट गया है। पानी तेजी से आस-पास के करीब 600 गांव में फैल गया। एसएच 74 पर भी पानी चढ़ने लगा है। पानी दक्षिणी भवानीपुर गांव में आ गया है। एनडीआरएफ की कई टीमें तैनात हैं। जवान लोगों को बचाकर सुरक्षित स्थान तक ले जा रहे हैं।
गंडक नदी में 3.5 लाख क्यूसेक पानी का बहाव था, जिसके चलते गोपालगंज और पूर्वी चंपारण में बांध टूटा। गोपालगंज जिला प्रशासन ने प्रभावित इलाके के लोगों से सुरक्षित जगह जाने की अपील की है। पूर्वी चंपारण में लोगों को प्रशासन ऊंचे स्थानों पर पहुंचा रहा है। 2001, 2010 और 2017 में भी सारण बांध टूट गया था।
जल संसाधन मंत्री संजय झा ने कहा है कि अगले 48 घंटों के दौरान गंडक बेसिन में भारी बारिश की आशंका है। बीते 24 घंटों में बागमती, कोसी और कमला बेसिन में कुछ जगहों पर भारी बारिश हुई है, जिसके चलते नदियों का जल स्तर बढ़ा। जल संसाधन विभाग के अधिकारी अलर्ट पर हैं। हायाघाट मुंडा पुल तक पानी पहुंच जाने के चलते रेलवे ने सावधानी बरतते हुए दरभंगा-समस्तीपुर ट्रैक पर ट्रेनें रोक दी हैं। बिहार संपर्क क्रांति का रूट बदला गया है। अब ट्रेन सीतामढ़ी होकर जाएगी।