गहलोत होंगे राजस्थान के सीएम, पायलट डिप्टी सीएम, राहुल ने लगाई मुहर
दिल्ली। दो दिन चले बैठकों के दौर के बाद ये तय हो गया कि अशोक गहलोत (67) राजस्थान के मुख्यमंत्री बनेंगे। यहां सचिन पायलट (41) डिप्टी सीएम होंगे। इसके साथ ही वे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भी बने रहेंगे। पत्रकार वार्ता के दौरान इस बात का ऐलान किया गया। पत्रकार वार्ता के दौरान अशोक गहलोत और सचिन पायलट ने राहुल गांधी का आभार प्रकट किया और साथ ही राज्य की जनता को भी धन्यवाद दिया।
इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने अशोक गहलोत और सचिन पायलट के साथ दो घंटे से ज्यादा बैठक की। बैठक के बाद राहुल ने पायलट और गहलोत की तस्वीर ट्विटर पर शेयर करते हुए लिखा- राजस्थान की एकजुटता का रंग। इससे पहले गुरुवार को राहुल ने ज्योतिरादित्य सिंधिया और कमलनाथ के साथ तस्वीर शेयर की थी। माना जा रहा है कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा भी आज हो सकती है। राहुल ने कांग्रेस नेता टीएस सिंह देव, भूपेश बघेल, डॉ. चरणदास महंत और ताम्रध्वज साहू को दिल्ली बुलाया है।
इससे पहले गुरुवार को दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के घर पर बैठकों का दौर चलता रहा। मध्यप्रदेश को छोड़कर छत्तीसगढ़ और राजस्थान में मुख्यमंत्रियों के नाम देर रात तक तय नहीं हो पाए थे। नामों के ऐलान से पहले यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी भी राहुल से मिलने उनके घर पहुंचीं। प्रियंका वाड्रा भी बैठक में मौजूद रहीं।
गांधी परिवार की तीन पीढ़ियों के साथ काम किया
गहलोत 1998 और 2008 में राजस्थान के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। छात्र राजनीति से करियर शुरू करने वाले गहलोत ने पहला विधानसभा चुनाव 26 साल की उम्र में 1977 में लड़ा था। यह चुनाव वे हार गए थे। लेकिन, 1980 में कांग्रेस के विघटन के वक्त संजय गांधी ने गहलोत को टिकट दिया और वे जोधपुर से सांसद बने। इंदिरा ने उन्हें पहली बार सांसद बनने पर ही युवा कोटे से केंद्रीय मंत्री बनाया था। गहलोत राजीव के भी खास रहे। 1985 में राजीव ने 34 साल के युवा गहलोत को राजस्थान कांग्रेस का अध्यक्ष बनाकर सबको चौंका दिया। राहुल गांधी के अध्यक्ष बनने के बाद गहलोत ही उनके सबसे विश्वसनीय महासचिव हैं।
सिर्फ 26 की उम्र में सांसद बन गए थे पायलट
पिता राजेश पायलट की मृत्यु के बाद सचिन पायलट ने महज 22 साल की उम्र में राजनीति में कदम रखा। 2004 में 26 साल की उम्र में दौसा से लोकसभा चुनाव जीते। वे उस समय लोकसभा के सबसे युवा सांसद थे। इसी साल राहुल गांधी भी पहली बार सांसद बनकर लोकसभा पहुंचे थे। यहां दोनों में अच्छी दोस्ती हुई। दोनों को कई मौकों पर एक साथ देखा जाता था। मनमोहन सरकार के दौरान 2012 से 2014 में केन्द्रीय संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रहे। 2013 विधानसभा चुनाव में राजस्थान में कांग्रेस को बड़ी हार मिली। 2014 लोकसभा चुनाव में सचिन भी हार गए थे। इसके बाद पार्टी के अध्यक्ष बनाए गए। पिछले 5 साल के दौरान पायलट ने राजस्थान के हर जिले और गांव में जाकर पार्टी को मजबूत किया। इस दौरान हुए लोकसभा और विधानसभा के सभी उप-चुनाव कांग्रेस को जितवाए।
अशोक गहलोत- सबसे बड़ी ताकत
दो बार सीएम, गांधी परिवार की तीन पीढ़ियों यानी इंदिरा, राजीव और राहुल के साथ काम किया। गहलोत दो बार राज्य के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। 1998 से 2003 और 2008 से 2013 के बीच। चार बार सांसद और दो बार केन्द्रीय मंत्री। दो बार कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं। गहलोत ने गुजरात, कर्नाटक चुनाव में कांग्रेस को नया रूप दिया। चुनावी रणनीति पर काम किया। कुल मिलाकर- अनुभवी चेहरे के नाम पर पार्टी में सबसे आगे हैं।
छत्तीसगढ़: सीएम पर पेंच
छत्तीसगढ़ के प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल ने कहा कि आम सहमति से यह निर्णय लिया गया है कि मुख्यमंत्री के नाम पर अंतिम फैसला कांग्रेस आलाकमान लेंगे। वह जो भी जिम्मेदारी देंगे हम उसे निभाएंगे।
गुरुवार देर शाम राहुल ने खड़गे और पीएल पुनिया से विधायकों से हुई रायशुमारी की रिपोर्ट ली। राहुल ने शक्ति एप के जरिए प्रदेश के कार्यकर्ताओं से मिली राय का भी आकलन किया। खबर के मुताबिक खड़गे के फीडबैक और शक्ति एएप की रिपोर्ट मेल न खाने पर राहुल ने दोबारा रायशुमारी का फैसला किया। रायपुर में टीएस सिंहदेव और भूपेश बघेल के समर्थकों के बीच गहमागहमी रही। राज्य में भले ही सीएम का नाम फाइनल नहीं हो पाया है। लेकिन, राज्य में नई सरकार के शपथ समारोह की राजधानी के साइंस कॉलेज मैदान में तैयारी शुरू हो गई। 16 दिसंबर से शुरु हो रहे खरमास को देखते हुए पार्टी ने 15 दिसंबर को शपथ कराने का फैसला किया।
मध्यप्रदेश: कमलनाथ राज्यपाल से मिले
दिन भर दिल्ली में चली बैठकों और मान-मनौव्वल के बाद गुरुवार रात करीब 11 बजे मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री के लिए कमलनाथ के नाम की घोषणा कर दी गई। दिल्ली में छह बैठकों और लंबी चर्चा के बाद राहुल गांधी ने नाथ के नाम पर मुहर लगाई। कमलनाथ प्रदेश के 18वें और कांग्रेस के 11वें मुख्यमंत्री होंगे। नाथ ने शुक्रवार को सुबह 10 बजे राज्यपाल आनंदी बेन पटेल को उन्हें नेता चुने जाने का पत्र सौंपा। कमलनाथ 17 दिसंबर को सीएम पद की शपथ लेंगे।