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महिला समूहों के लिए अच्छी खबर, 10 लाख तक ब्याज मुक्त ऋण देने की तैयारी कर रही सरकार

सहकारिता मंत्री धन सिंह रावत ने कहा कि पैक्स के माध्यम से गठित स्वयं सहायता समूहों को लाभान्वित करने के लिए अच्छा काम करने वाले समूहों को प्रोत्साहित किया जाएगा। राज्य सरकार ने वर्ष 2025 तक प्रदेश में सवा लाख महिलाओं को लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य तय किया है, जिनको मिशन की विभिन्न योजनाओं के माध्यम से आर्थिक रूप से सशक्त किया जा रहा है।

देहरादून। उत्तराखंड सरकार प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों (पैक्स) के माध्यम से स्वयं सहायता समूहों और कृषियेत्तर कार्यों के किसानों को दिए जाने वाले ब्याज रहित ऋण की सीमा बढ़ाने जा रही है। अब तक समूहों को शून्य प्रतिशत ब्याज पर पांच लाख रुपये मिलते हैं, जिसे अब बढ़ाकर 10 लाख रुपये किया जाएगा।

वहीं एकल व्यक्ति को मिलने वाले तीन लाख की सीमा को पांच लाख रुपये तक दिए जाएंगे। यह सुविधा अच्छा काम करने वालों को ही मिलेगी। राज्य का सहकारिता विभाग इसका प्रस्ताव तैयार कर रहा है, जिसे मंजूरी के लिए शीघ्र ही कैबिनेट में लाया जाएगा। इस संबंध में सहकारिता मंत्री डॉ.धन सिंह रावत ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए हैं।

प्रदेश में दीनदयाल उपाध्याय सहकारिता किसान कल्याण योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2022-23 में 90230 लाभार्थियों को 624.84 करोड़ का ब्याज रहित ऋण दिया जा चुका है। अक्तूबर 2017 में योजना के शुभारंभ से अभी तक सात लाख से अधिक लाभार्थियों और 4347 स्वयं सहायता समूहों को 4050.44 करोड़ रुपये का ऋण वितरित किया जा चुका है।

प्रदेश में गठित हैं करीब 18 हजार समूह

प्रदेश में 17975 स्वयं सहायता समूहों, 1463 ग्राम संगठनों और 88 क्लस्टर फेडरेशनों का गठन कर उन्हें वित्त पोषित किया गया है। 60343 महिला किसानों को चिह्नित कर फार्म लाइवलीहुड और महिला सशक्तीकरण योजना के तहत प्रशिक्षण देकर क्षमता विकास किया जा रहा है। राज्य सरकार ने वर्ष 2025 तक प्रदेश में सवा लाख महिलाओं को लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य तय किया है, जिनको मिशन की विभिन्न योजनाओं के माध्यम से आर्थिक रूप से सशक्त किया जा रहा है।

सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत का कहना है कि पैक्स के माध्यम से गठित स्वयं सहायता समूहों को लाभान्वित करने के लिए अच्छा काम करने वाले समूहों को प्रोत्साहित किया जाएगा। दीनदयाल उपाध्याय सहकारिता किसान कल्याण योजना से अधिक से अधिक लोगों को जोड़ने से महिला सशक्तीकरण एवं किसानों की आय बढ़ाने में यह योजना काफी कारगर साबित होगी।

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