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गुरुवार से इन नियमों के साथ सड़कों पर चलेंगे सार्वजनिक वाहन

देहरादून। कोरोना वायरस जैसी भीषण महामारी की रोकथाम और लॉकडाउन 4.0 के बीच उत्तराखंड की सड़कों पर आज से पुनः ई रिक्शा से लेकर सिटी बसें दौड़ने लगेंगी। लेकिन इस बार वाहन चालकों को सख्त नियमों का पालन करना होगा। जानकारी के अनुसार परिवहन विभाग ने प्रदेश के कोरोना संक्रमण के तहत घोषित ऑरेंज और ग्रीन जोन में सार्वजनिक परिवहन के संचालन की मानक प्रचालन कार्यविधि (एसओपी) जारी कर दी है।

सभी वाहन स्वामियों, वाहन चालकों, परिचालकों व यात्रियों को इसका कड़ाई से अनुपालन करना होगा। वाहनों के संचालन में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना अनिवार्य है। सचिव परिवहन शैलेश बगौली ने बुधवार को एसओपी जारी की। एसओपी सभी अपर मुख्य सचिवों, प्रमुख सचिवों, सचिवों प्रभारी सचिवों, पुलिस महानिदेशक, मंडलायुक्तों, जिलाधिकारियों व सभी वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों व पुलिस अधीक्षकों को भेज दी गई है।

एसओपी जारी होने के साथ उसके अनुरूप आज गुरुवार से जिलों में परिवहन निगम की बसों को छोड़कर अन्य वाहन दौड़ने लगेंगे। हालांकि दूसरे जिलों में जाने की स्थिति में अनिवार्य रूप से अनुमति लेनी होगी।

इन नियमों का पालन करना होगा जरूरी:

हर यात्री को मास्क पहनना होगा
सार्वजनिक वाहनों में यात्रा के दौरान प्रत्येक यात्री के लिए मास्क पहनना जरूरी होगा। यात्रियों को सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा पालन करना होगा। बस व वाहनों के प्रवेश व निकास द्वार पर हैंड सैनिटाइजर रखना होगा ।

आरोग्य सेतु एप भी जरूरी
वाहन चालक, परिचालक और यात्रा करने वाले सभी यात्रियों को अपने मोबाइल पर आरोग्य सेतु एप डाउनलोड करना होगा। इसका उपयोग करना अनिवार्य किया गया है।

तंबाकू गुटखा शराब के सेवन पर रोक
यात्रा करते समय पान, तंबाकू, गुटखा एवं शराब के सेवन पर प्रतिबंध रहेगा। वाहन में थूकना दंडनीय होगा। ऐसा करने वालों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। कोरोना संदिग्ध होने पर देनी होगी सूचना यात्रा के दौरान किसी यात्री में कोविड-19 के लक्षण दिखाई देने पर वाहन के चालक व परिचालक को नजदीक पुलिस थाने या स्वास्थ्य केंद्र में इसकी सूचना देनी होगी।

अंतर राज्यीय मार्गों पर प्रतिबंध
अंतर राज्यीय मार्गों पर सार्वजनिक परिवहन का संचालन प्रतिबंधित रहेगा। केवल विशेष परिस्थितियों में राज्य के नोडल अधिकारी, मंडलायुक्त व जिला मजिस्ट्रेट की अनुमति से ही वाहनों को चलाने की अनुमति होगी।

वाहनों का सैनिटाइजेशन अनिवार्य
प्रत्येक यात्रा शुरू करने से पहले और यात्रा समाप्त करने के बाद वाहन का सैनिटाइजेशन करना होगा। इसमें वाहन का प्रवेश द्वार, हैंडिल, रैलिंग, स्टेयरिंग, गियर लीवर, सीटों को पूरी तरह से सैनिटाइ करना होगा। वाहन के चालक और परिचालक फेस मास्क व दस्ताने का उपयोग करेंगे।

बाहरी राज्यों के प्रवासियों की थर्मल स्क्रीनिंग होगी
सार्वजनिक वाहन के माध्यम से अन्य प्रदेश से आने वाले हर प्रवासी या यात्री की राज्य में प्रवेश के समय एवं प्रदेश के भीतर थर्मल स्कैनिंग होगी। उन यात्रियों की थर्मल स्कैनिंग की जाएगी जो एक जिले से दूसरे जिले में यात्रा करेंगे।

तय स्टॉपेज पर ही रोका जाएगा वाहन
यात्रा के दौरान प्रत्येक वाहन को निर्धारित स्टॉपेज पर ही रोका जाएगा। लॉकडाउन अवधि में सार्वजनिक वाहनों का संचालन संबंधित जोन के लिए तय समय के भीतर ही किया जाएगा।

जनपद के भीतर व राज्य से बाहर के लिए अनुमति जरूरी
यदि किसी वाहन को छूट के लिए निर्धारित समय से अधिक वाहन चलाना अपरिहार्य है तो इसके लिए उसे सक्षम प्राधिकारी से अनुमति लेनी होगी। राज्य से बाहर यात्रा करने की दशा में सक्षम प्राधिकारी से अनुमति पत्र या पास वाहन में रखा जाना अनिवार्य होगा।

ऑरेंज और ग्रीन जनपदों में वाहन और मंजूर सवारी
वाहन       सीटिंग क्षमता     मंजूर सीटिंग क्षमता
ई-रिक्शा       05                     03
ऑटो            03/04                02
विक्रम          07                      03
विक्रम          08                      04
टैक्सी कैब     05                      03
टैक्सी कैब     06/07                 03
मैक्सी कैब    08/09                  04
मैक्सी कैब    10/11                  05
मैक्सी कैब    12                        06

सिटी बस क्षमता से आधी
नोट: सीटिंग क्षमता में चालक भी शामिल है। बस व मिनी बस आरसी के हिसाब से मान्य सीट क्षमता का 50 प्रतिशत पर ही सवारी बैठेगी।

परिवहन महासंघ विरोध में उतरा
जहां एक ओर सरकार ने सार्वजनिक वाहनों के संचालन को हरी झंडी दिखा दी है वहीं, छोटे से लेकर बड़े वाहनों के संचालकों के संगठन उत्तराखंड परिवहन महासंघ आंखें तरेर ली हैं। महासंघ के अध्यक्ष सुधीर राय का कहना है कि सरकार से हमने तीन मांगें की थीं, पहली ये कि डीजल में जीएसटी माफ करें, दूसरी आधी सवारी ले जाने पर घाटे की भरपाई करें, तीसरी किराया बढ़ाने दें, लेकिन एक भी मांग नहीं मानी। इसलिए तय किया गया है कि हम आज महासंघ के अंतर्गत आने वाले ऑटो-विक्रम से लेकर सिटी बसें तक, कुछ नहीं चलाएंगे।

रोडवेज के एमडी रणवीर सिंह चौहान का कहना है कि एसओपी के अध्ययन के बाद ही रोडवेज की बसें चलाने पर फैसला लिया जाएगा, वैसे भी अभी रोडवेज की बसें प्रवासियों को लाने और ले जाने में लगी हैं। एसओपी के तहत ई रिक्शा, ऑटो, विक्रम, टैक्सी कैब, मैक्सी कैब और सिटी बसों की सीटिंग क्षमता तय कर दी गई है। वाहनों में सवारी क्षमता की 50 प्रतिशत को मंजूरी दी गई है। आधी सीट खाली रखी जाएंगी। वाहन में कोई खड़ी सवारी मान्य नहीं होगी। सभी जनपदों के जिलाधिकारी अपने हिसाब से सार्वजनिक वाहनों का संचालन कराएंगे।

 

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