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गुस्साये सलमान ने कहा- ऐसे चंद जोकरों की वजह से फैल रहा कोरोना

मुंबई। लॉकडाउन के चलते पनवेल स्थित अपने फार्महाउस में फंसे सलमान खान ने उन लोगों को फटकार लगाई है, जो जन सेवा में लगे डॉक्टर्स, नर्सों और पुलिसवालों पर हमले कर रहे हैं। उन्होंने सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया है, जिसमें वे कह रहे है कि डॉक्टर्स, नर्सेस और पुलिसवाले जान को खतरे में डालकर अपने लिए काम नहीं कर रहे हैं, बल्कि देशवासियों की जान बचाने के लिए काम कर रहे हैं। वे यह भी कह रहे है कि चंद जोकरों की वजह से यह बीमारी फैलती जा रही है।

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A post shared by Salman Khan (@beingsalmankhan) on Apr 15, 2020 at 11:07am PDT

सलमान खान ने वीडियो में जो कहा:-

जिंदगी का ‘बिग बॉस’ शुरू हो गया

जिंदगी का बिग बॉस शुरू हो गया है, सब घर में बैठे हैं। लेकिन कुछ लोग हैं, जो कि उलंघन कर रहे हैं। अब हाल ही में मैं यहां पर आया दो दिन की छुट्टी के लिए और छुट्टी हो गई। मेरी नहीं, हम सबकी। ये कोरोना कोविड-19 ने सबकी छुट्टी कर दी। पहले ऐसा लगा कि फ्लू है, खत्म हो जाएगा। घर चले जाएंगे। फिर ये लॉकडाउन हुआ। जब ये लॉकडाउन हुआ तो मामला बड़ा गंभीर-बड़ा सीरियस हो गया। यहां पूरा खानदान है। हमारी अम्मी हैं। हमारी दो बहनें हैं। उनके बच्चे हैं। और कुछ काम से जुड़े लोग आए थे, जो अब जाकर इस कोरोनावायरस कोविड-19 के अंदर दोस्त बन गए। हमने एक रूल बनाया है कि यहां पर जो है, वह यहीं रहेगा। बाहर का कोई नहीं आएगा और अंदर से कोई बाहर नहीं जाएगा। लेकिन राशन के लिए जाना पड़ता है।

बीमारी का पॉजिटिव होना दुखदायक

किसी भी बीमारी में रिजल्ट पॉजिटिव होना बहुत दुखदायक बात है। खासकर उस बीमारी में, जिसका कोई इलाज नहीं। लेकिन किसी पॉजिटिव पेशेंट के दिमाग में नेगेटिव थॉट आ जाना, उसका संयम खो देना, होप खो देना, वो उससे भी बुरी बात है। और जो पॉजिटिव टेस्टेड पेशेंट है, उसका दुख न समझना , एंटीह्यूमन, इंसानियत विरोधी है। जो पॉजिटिव टेस्टेड पेशेंट है, उसे यह बात समझ आ जाती कि हमने एहतियात नहीं रखी। गलती हमसे हो गई। और जो नेगेटिव है और एहतियात नहीं रख रहे हैं, वो जल्द पॉजिटिव हो जाएंगे। ये गारंटी है। और फिर अपने पूरे खानदान को ये बीमारी दे देंगे। खानदान से मोहल्ले को, मोहल्ले से शहर को, शहर से पूरे हिंदुस्तान को।

नमाज पढ़ना है घर में पढ़ो

क्या कहा है सरकार ने कि बाहर मत जाओ, सोशल गैदरिंग न करो, यही कहा है न? दोस्त-यारों से न मिलो, आइसोलेशन में रहो, घर में रहो, परिवार के साथ रहो। ये सब किसके लिए? उनके लिए? नहीं। हम सब के लिए। नमाज पढ़ना है घर पे पढ़ो । पूजा पाठ करना है घर में करो। बचपन में यह सीखा था कि भगवान हमारे अंदर है। तो अगर भगवान के घर जाना है, अल्लाह के घर जाना है, परिवार के साथ जाना है तो निकलो बाहर। मरना तो एक दिन सबको है, लेकिन क्या कोई मरना चाहता है? यहां पर आकर यह बात चेंज कैसे हुई?

…तो लॉकडाउन खत्म हो गया होता

इंडिया की आबादी को कम करना चाहते हो, अपने परिवार की शुरुआत के साथ। तुम्हारे बच्चे, तुम्हारे माता पिता, तुम्हारे बुजुर्ग, जिन्होंने तुम्हे पाल-पोसकर बड़ा किया है। उनके साथ शुरुआत करोगे। अब आप बताओ पुलिस का साथ देना, सरकार का साथ देना, डॉक्टर्स का साथ देना, जो लोग बैंकों में काम करते हैं, उनका साथ देना है या नहीं? अब वो लोग इस बात का जवाब दो जो सरकार की बात नहीं सुन रहे। क्या वह सही है या गलत है? करेक्ट है, रॉन्ग है?नेगेटिव सोच रहे हो या पॉजिटिव सोच रहे हो? न अगर आपके एक्शन सही होते तो ये लॉकडाउन अभी तक खत्म हो गया होता और कोरोनावायरस भी।

पुलिस को डंडे बरसाने का शौक नहीं

अगर आप ऐसे बाहर नहीं निकलते ग्रुप्स में, दोस्त-यारों के साथ, तो पुलिसवाले आपके पु$& पर डंडा नहीं मारती। आपको क्या लगता है, क्या पुलिसवालों को इसमें मजा आ रहा है? किसने रोका है आपको राशन लेने में? जाओ न किसने रोका है? खाने-पीने का सामान लेने जाओ। घर तुरंत आ जाओ। पास में जाओ। किसने रोका है?मास्क पहनो, ग्लब्स पहनो, अकेले जाओ। गवर्नमेंट ने यह वादा किया है कि राशन-पानी सबको मिलेगा।

ये बीमारी जात-पांत नहीं देखती

आपको क्या लगता है ये पुलिसवाले, डॉक्टर्स, नर्सेस, जो बैंक में काम कर रहे हैं, उनको कोरोनावायरस नहीं होगा? उनके परिवार को नहीं होगा? लेकिन उनको देखो । फिर भी वो 18-18 घंटे काम कर रहे हैं। किसके लिए काम कर रहे हैं? आपके लिए काम कर रहे हैं। और वो भी आपको रोकने के लिए नहीं। कोरोनावायस को फैलने से रोकने के लिए कर रहे हैं। क्योंकि ये बीमारी ऊंच-नीच, जात-पांत, अमीर-गरीब, छोटा-बड़ा, कम उम्र, हम उम्र, बड़ी उम्र कुछ नहीं देखती। अब ये पुलिसवालों की ड्यूटी है, वो निभा रहे हैं। और आपकी ड्यूटी सिर्फ इतनी है कि आप घर पे बैठें और वो भी आप नहीं निभा रहे।

डॉक्टर आपकी जान बचाने आए हैं

मैं कुछ ऐसे लोगों को जानता हूं, जो घर से बाहर कभी नहीं निकलते थे। लेकिन जब से ये बोला गया है कि घर से बाहर मत निकलो, उन्होंने निकलना शुरू कर दिया है। कमाल है। अब जो डॉक्टर्स अपनी जान को खतरे में डाल रहे हैं, पुलिसवाले अपनी जान को खतरे में डाल रहे हैं, नर्सेस अपनी जान को खतरे में डाल रही हैं और बैंक में काम कर रहे हैं, जिसकी वजह से आप अपने एटीएम, अपने अकाउंट्स से पैसे निकाल रहे हैं अपने खाने-पीने के लिए, आप उनकी भी जान को खतरे में डाल रहे हो। ये कमाल है। डॉक्टर आपकी जान बचाने के लिए आए हैं, नर्सेस आपकी जान बचाने के लिए आई हैं और आपने उन पर पत्थर बरसा दिया। जो कोरोना से डिटेक्ट हो रहा है, वह हॉस्पिटल से भाग रहा है। भागके जाओगे कहां? किस ओर भाग रहे हो? जिंदगी की ओर भाग रहे हो या मौत की ओर भाग रहे हो?

चंद लोग हिंदुस्तान को ले चल बसेंगे

अगर ये डॉक्टर तुम्हारा इलाज नहीं करें और पुलिस सड़कों पर नहीं हो तो चंद लोग, जिनके दिमाग में यह चल रहा है कि हमें नहीं होगा, वो हिंदुस्तान के ढेर सारे लोगों को लेकर चल बसेंगे। देखो मैं उनकी बात समझता हूं, जिनके पास कुछ खाने को नहीं है। बच्चों को खिलाने को नहीं है। उन्हें मैं सलाम करता हूं। क्योंकि वो भी यह जानते हैं कि परिवार गुजर जाने से बेहतर है कि बिना खाए-पीए ये वक्त गुजर जाए।

कुछ जोकरों की वजह से फैल रही बीमारी

बहुत अच्छा काम हो रहा है और ऐसा लग रहा है कि वाकई हिंदुस्तान एक-दूसरे से दिल से जुड़ा है। लेकिन चंद जोकरों की वजह से ये बीमारी फैली जा रही है। अगर आपके एक्शन ऐसे न होते तो पुलिस के रिएक्शन ऐसे नहीं होते। अगर आपके एक्शन ऐसे नहीं होते तो हजारों पुलिसवालों को, हजारों डॉक्टर्स को, नर्सेस को और आवाम को कोरोनावायरस नहीं होता। इतने लोगों का काम तमाम नहीं होता। और अभी तक हम सब वापस से काम पर लग गए होते।

अपने परिवार को कंधा देने की ताकत है?

चाइना से शुरू हुआ, चाइना में कब का खत्म हो गया। लेकिन इन चंद लोगों की वजह से पूरा हिंदुस्तान एक लंबे समय के लिए घर पे बैठेगा। मान लिया कि बड़े ताकतवर हो आप। बड़े बहादुर हो आप। क्या इतने बहादुर, इतने ताकतवर हो आप कि आप अपने परिवारवालों को कंधा दोगे? उनकी अर्थी उठाओगे? इतना जिगर है आप में? क्यों आप यमराज और मलकुल मौत बनना चाहते हो? और क्यों अपने परिवार के लोगों पे इन्नल्लाह और राम नाम सत्य है पढ़ना चाहते हो?

दुआ करो कि समझाने के लिए मिलिट्री न आए

हर बात के दो पहलू होते हैं। इसके भी दो ही हैं। एक पहलू यह है कि हम सब रहें और दूसरा पहलू यह है कि कोई न रहे? आप डिसाइड करो। और सब शुक्रियादा करो पुलिस फोर्स का, डॉक्टर्स का नर्सेस का, जो बैंक में काम करते हैं, उनका। रिस्पेक्ट करो उनको, जिनको हुआ है और एहतियात रखो कि ये आगे न फैले। और दुआ करो कि वो नौबत न आए, जहां पर कि आपको समझाने के लिए मिलिट्री बुलाई जाए। धन्यवाद।

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