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हार मानने जैसी बात कभी नहीं सोची : भंसाली

मुंबई। तमाम विवादों के बाद अपनी फिल्म ‘पद्मावत’ की सफलता से गदगद फिल्मकार संजय लीला भंसाली ने कहा है कि इस फिल्म को बनाने और रिलीज करने का खयाल छोडने की उनके पास कई वजहें थीं, लेकिन उन्होंने हार मानने जैसी बात कभी नहीं सोची। भंसाली ने कहा कि उन्हें शुरूआत से ही दिक्कत का सामना करना पड़ा और उनके पास तीन कहानियां थीं जिनको लेकर कोई दूसरी फिल्म बनाई जा सकती थी, लेकिन ‘पद्मावत’ उनके लिए हमेशा से विशेष रही।

वर्ष 1988 में प्रसारित ‘भारत एक खोज’ के एक भाग में रानी पद्मावती और अलाउद्दीन खिलजी की कहानी को दिखाए जाने का हवाला दिया अैर कहा कि उस वक्त माहौल ‘बेहतर, अधिक रचनात्मक और अधिक उदार’ था, लेकिन मौजूदा दौर को लेकर फिल्मकारों को उम्मीद नहीं छोड़नी चाहिए। फिल्म ‘पद्मावत’ को लेकर राजपूत संगठनों ने विरोध किया था और फिल्म के सेट एवं कई सिनेमाघरों में तोड़फोड़ की गई थी। राजपूत संगठनों का कहना था कि फिल्म में ऐतिहासिक तथ्यों को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया है।
यह पूछे जाने पर कि क्या वह ऐतिहासिक पृष्ठभूमि वाली फिल्में बनाना जारी रखेंगे तो भंसाली ने कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि मैं कोई ऐतिहासिक पृष्ठभूमि वाली फिल्म बनाना छोड़ने का फैसला करूंगा क्योंकि इस तरह की स्थिति में फिर नहीं पड़ना चाहता। हर कहानी की अपनी किस्मत होती है। कभी-कभी ऐसी चीजें हो जाती हैं जो आपके नियंत्रण से बाहर होती हैं। आप इसमें कुछ नहीं कर सकते।’’

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