हनुमान जयंती पर 120 साल बाद बना ये संयोग!
इस बार हनुमान जयंती बेहद खास है। क्योंकि इस बार भी वही सुखद संयोग बन रहे हैं, जो शास्त्रों में हनुमानजी के जन्म के समय बताए गए हैं। इससे पहले ऐसे संयोग 120 बाद पहले भी बने थे।
कष्टों और दुखों को दूर करने के लिए अष्ट सिद्दि, नौ निधी के दाता हनुमान जी को प्रसन्न करना आसान है। श्रीराम के अनन्य भक्त को श्रीराम की पूजा से भी प्रसन्न किया जा सकता है।
इस बार हनुमान जयंती मंगलवार को पूर्णिमा तिथि में होने के कारण़ चित्रा नक्षत्र है। जिसके चलते गजकेसरी योग और अमृत योग भी बना है।
हनुमान जयंती के अवसर पर भोर से ही हनुमान मंदिरों में पूजा अर्चना का क्रम शुरू हो गया था। मंदिर के पुजारियों ने भगवान हनुमान की प्रतिमा को स्नान कराने के बाद सिंदूर, चमेली का तेल, चांदी का बर्क आदि से चोला चढ़ाया।
इसके बाद हनुमान चलीसा का पाठ शुरू हुआ। कई मंदिरों में सुंदररकांड का पाठ भी किया गया। मंदिरो के बाहर श्रद्धालु हनुमान चालीसा का पाठ करते नजर आए। धर्मनगरी के सिद्धबली हनुमान मंदिर व नर्मदेश्वर महादेव मंदिर में मंदिर के परमाध्यक्ष स्वामी आलोक गिरी महाराज, हरकी पैड़ी स्थित दक्षिण मुखी हनुमान मंदिर पर पुजारी चंद्रशेखर जोशी, निरंजनी अखाड़ा स्थित संकट मोचन हनुमान मंदिर में महंत रविंद्र पूरी महाराज के नेतृत्व में भगवान हनुमान की विशेष पूजा अर्चना की गई।