हरीश रावत को राहत, अब एक अक्टूबर को होगी सुनवाई
देहरादून। नैनीताल हाईकोर्ट में उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के स्टिंग और विधायकों के खरीद फरोख्त के मामले में आज संक्षिप्त सुनवाई के बाद अगली सुनवाई के लिए एक अक्टूबर की तारीख तय की गई है।
शुक्रवार को न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की एकलपीठ के समक्ष हुई। सुप्रीम कोर्ट के वकील देवीदत्त कामथ ने रावत की तरफ से बहस की। सीबीआई के वकील ने कहा कि रावत जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं। जबकि रावत के वकील ने कहा कि सहयोग कर रहे हैं।
पूर्व की सुनवाई में सीबीआई ने कोर्ट में अपनी रिपोर्ट पेश कर कहा था कि वे हरीश रावत के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने जा रहे हैं। जबकि कोर्ट ने पूर्व में सीबीआई को निर्देश दिए थे कि उनके खिलाफ कोई भी कार्रवाई करने से पहले कोर्ट को अवगत कराएं।
इसी के क्रम में सीबीआई की ओर से कोर्ट को अवगत कराया गया था। मामले में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने याचिका दायर कर कहा था कि 2017 में कांग्रेस की सरकार गिरने पर उनके स्टिंग और विधायकों की खरीद फरोख्त मामले में प्रारंभिक जांच पर रोक लगाई जाए। ब्यूरो
सीबीआई ने पिछली सुनवाई में कोर्ट को बताया था कि हरीश रावत के खिलाफ प्रारंभिक जांच पूरी कर ली गई है और मुकदमा दर्ज करने की तैयारी है। खुद हरीश रावत हाईकोर्ट में होने वाली सुनवाई की नजाकत को भांपते हुए कह रहे हैं कि उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के लिए सीबीआई पर दबाव बनाया जा रहा है।
21 अगस्त को हाईकोर्ट में सीबीआई के अधिवक्ता ने बताया था कि सीबीआई हरीश रावत के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की तैयारी कर रही है। सीबीआई को यह इसलिए कहना पड़ा क्योंकि कोर्ट ने सीबीआई से कहा था कि वह हरीश रावत को गिरफ्तार करने से पहले कोर्ट को जानकारी दे।
उत्तराखंड की राजनीति में हरीश रावत बड़ा चेहरा है और कांग्रेस भी हरीश रावत के इस प्रकरण को लेकर एकजुट होने का दावा कर रही है। कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह बाकायदा प्रेस वार्ता कर यह कह चुके हैं कि अन्याय बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।