बारिश का कहर, मैदान में गेहूं तो पहाड़ों में सेब की फसल हुई बर्बाद
प्रदेशभर में दिनभर रुक-रुककर बारिश के चलते पारा अचानक नीचे आ गया। लोगों को गर्म कपड़े एक बार फिर बाहर निकालने के लिए मजबूर होना पड़ा।
देहरादून। उत्तराखंड में दो दिन से लगातार हो रही बेमौसमी बारिश ने दुश्वारियां बढ़ा दी हैं। बारिश के चलते जहां चारधाम यात्रा प्रभावित हुई है, वहीं किसानों की फसलाें को भी नुकसान पहुंचा है। पर्वतीय मार्गों पर यातायात के अवरूद्ध होने का भी समाचार है। गंगोत्री हाईवे पर भूस्खलन होने से बंदरकोट के पास हाईवे करीब एक घंटे तक बाधित रहा।
सोमवार को प्रदेशभर में दिनभर रुक-रुककर बारिश के चलते पारा अचानक नीचे आ गया। लोगों को गर्म कपड़े एक बार फिर बाहर निकालने के लिए मजबूर होना पड़ा। मैदानी क्षेत्रों में भी लोग जैकेट और स्वेटर पहने नजर आए।
प्रदेश में बेमौसमी बारिश का सबसे अधिक दुष्प्रभाव बागवानी और गेहूं की फसल पर पड़ा है। मैदानी क्षेत्रों में कई जगह गेहूं की फसल तैयार होने के बावजूद मौसम साफ नहीं होने की वजह से कट नहीं पाई है। ऐसे में किसान मौसम के साफ होने का इंतजार कर रहे हैं। यदि अगले कुछ दिन और बारिश का दौर जारी रहता है गेहूं की फसल बर्बाद हो सकती है।
बारिश में बाली काली पड़ सकती हैं। वहीं पर्वतीय क्षेत्र में कई स्थानों पर ओलावृष्टि होने से सेब काश्तकारों को सबसे अधिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। उत्तरकाशी, देहरादून के चकराता और चमोली जिले में सेब की फसल को नुकसान पहुंचा है। किसानों ने प्रशासन से नुकसान का आकलन करने के बाद मुआवजा दिए जाने की मांग की है।