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उत्तराखंड में जमकर हुई बर्फबारी, स्थानीय लोगों की बढ़ीं मुश्किलें

देहरादून। उत्तराखंड में शनिवार को पहाड़ों पर जमकर बर्फबारी हुई। भारी हिमपात की वजह से जहां पर्यटकों के चेहरे खिल गए वहीं स्थानीय लोगों की परेशानियां भी बढ़ गईं। केदारनाथ में बर्फ की चार फीट मोटी परत जम गई है। जबकि, सड़कों पर बर्फ जमा होने के कारण पहाड़ी जिलों में 50 से अधिक गांवों का संपर्क कट गया है। इधर, मैदानों में भी दिनभर बारिश होती रही। मौसम का मिजाज बदलने से समूचा उत्तराखंड कड़ाके की ठंड की चपेट में है। हालांकि, प्रमुख पर्यटक स्थलों में बाहरी राज्यों से आए सैलानियों ने बर्फबारी का जमकर लुत्फ भी उठाया। मौसम विभाग के अनुसार आज भी प्रदेश के कुछ इलाकों में हल्की बारिश और बर्फबारी का क्रम बना रह सकता है।

चारधाम समेत तमाम ऊंचाई वाले इलाकों में हिमपात के कई दौर हुए, जबकि देहरादून, हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर समेत आसपास के इलाकों में दिनभर बारिश हुई। गढ़वाल मंडल के रुद्रप्रयाग में ऊखीमठ-मंडल गोपेश्वर मोटर मार्ग भी बर्फबारी से अवरुद्ध हो गया है। बारिश से भी कई स्थानों पर मार्ग भी क्षतिग्रस्त हुआ है और खतरे के बीच वाहनों की आवाजाही हो रही है। दो दर्जन ग्रामसभाएं बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। चमोली जिले में बर्फबारी से 20 से अधिक गांव अलग-थलग पड़ गए।

औली-जोशीमठ मोटर मार्ग औली से तीन किलोमीटर पहले तक बर्फ के चलते फिसलन होने से वाहन फंस रहे हैं। बदरीनाथ, हेमकुंड, औली, गौरसों सहित चमोली की ऊंची चोटियों में सुबह से ही बर्फबारी होती रही। रूपकुंड, बेदनी, आली, बागजी बुग्याल सहित दूरस्थ गांव वाण, घेस, बलाण, झलिया, रामपुर रामपुर, तोरती, सौरीगाड, बधाणगढी में भी बर्फबारी से श्वेत चादर बिछ गई। रुद्रप्रयाग के केदारनाथ में चार फीट से अधिक बर्फ जम गई है। तीन दिन से लगातार बर्फबारी हो रही है।

वहीं, मध्यमेश्वर, तुंगनाथ, चोपता, दुगलबिट्टा, देवरियाताल, कार्तिक स्वामी, चंद्रशिला समेत ऊंचाई वाले स्थानों पर भी भारी बर्फबारी हुई है। उत्तरकाशी में सुबह से शुरू हुई बारिश और बर्फबारी का सिलसिला देर रात तक जारी रहा। बर्फबारी के कारण मोरी तहसील के 65 गांवों में बिजली आपूर्ति बाधित हो गई है। जिससे अधिकांश क्षेत्र में संचार सेवा भी ठप पड़ गई है। जबकि भारी बर्फबारी से जिले के 12 मोटर मार्ग बंद हुए। ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी के कारण गंगोत्री, यमुनोत्री राजमार्ग भी बाधित हुए हैं। गंगोत्री हाईवे गंगनानी से लेकर गंगोत्री तक करीब 50 किलोमीटर बंद हो गया है। बर्फबारी अधिक होने के कारण यहां बीआरओ के श्रमिकों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इसके अलावा प्रदेश के हिमाच्छादित क्षेत्रों में कई गांव की बिजली और संचार सेवा भी ठप हो गई है।

उधर, कुमाऊं में सीमांत पिथौरागढ़ जिले के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी से तापमान में भारी गिरावट आ चुकी है। थल-मुनस्यारी मार्ग में रातापानी से नया बस्ती तक हिमपात हो रहा है। धारचूला में चौदास की चोटियों सहित दारमा और व्यास घाटी में हिमपात हो का क्रम जारी है। नैनीताल में निचले इलाकों में दिनभर बारिश हुई, जबकि, चोटियों पर ताजा हिमपात हुआ है।

वहीं पर्यटन नगरी औली में पर्यटकों की लगातार आमद हो रही है। औली में लगभग एक हजार से अधिक पर्यटक डेरा डाल कर बर्फबारी का आनंद ले रहे हैं। औली जोशीमठ में पर्यटकों की आवाजाही से गुलजार हैं।

मसूरी में दिनभर बारिश का दौर जारी रहा, जिससे ठंड बढ़ने से सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ है। वहीं, 10 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित सुरकंडा व नागटिब्बा की पहाड़ियों के साथ ही धनोल्टी के आलूफार्म, बुरांशखंडा में भी बर्फबारी हुई, जिससे मसूरी पहुंचे ज्यादातर पर्यटकों ने बर्फबारी वाले इलाकों का रुख किया। हालांकि, देर रात तक मसूरी के ऊंचाई वाले इलाकों में हिमपात के आसार बने रहे। रविवार को मसूरी और आसपास के पर्यटक स्थलों में भीड़ बढ़ने की संभावना है।

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