ह्यूमन राइट्स जर्नलिस्ट एसोसिएशन ने की भारतीय संस्कृति को बचाये रखने की अपील
देहरादून। मानवाधिकार जर्नलिस्ट एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. इमरान अहमद ने देहरादून में एक विशेष प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोलते हुए भारतीय संस्कृति की गरिमा को जिन्दा रखने की अपील की।
उन्होंने कहा समाज में बढ़ते अपराध या संस्कृति के विरुद्ध कोई भी ऐसा किया गया कार्य जो हमारी तहजीब या हमारे कल्चर के विरुद्ध हो। ऐसा कल्चर हरगिज न अपनायें, जो भारत की अच्छी संस्कृति को न दर्शाता हो अथवा हमें शर्मिन्दा करता हो क्योकि भारत पूरी दुनिया में संस्कृति और सभ्यता का प्रतीक देश है।
उन्होंने कहा भारत में छोटे-बड़े का सम्मान और यहाँ की तहजीब हमारे पुरखों की कुरबानी से सींची गई है। हमें अफसोस है कि इस आधुनिकता के दौर में भारत की खुबसूरत संस्कृति में तेजी से बदलाव आ रहा है और आज के इस आधुनिकता के दौर में भारतीय संस्कृति का दायरा सिमटता जा रहा है। इससे ना सिर्फ युवा वर्ग प्रभावित हो रहे है बल्कि बच्चे भी प्रभावित होते दिख रहे है। संस्कृति के लुप्त प्राय होने के पीछे सोशल मीडिया में आने वाले विज्ञापन व मूवीज कारण माने जा रहे है। वही खास तौर पर महिलाओ में भी वेस्ट्रन सामानो का प्रयोग चलन में तेजी से बढ़ता जा रहा है जो भारतीय संस्कृति को निरंत्रण नुकसान पहुचा रहा है।
डॉ. अहमद ने कहा कि भारतीय संस्कृति से खिलवाड करने की इजाजत हिन्दुस्तान का कोई धर्म नही देता भारत संस्कृति व वेशभूषा में पूरी दुनिया के अंदर सर्व प्रथम श्रेणी का हिस्सा है। ऐसा भी देखा जा रहा है कि खास तौर पर महिलाएं पर्व व त्यौहारों में भारतीय कल्चर के अनुसार सम्भय तरीके से नई नई साडिया पहनती थी लेकिन अब तेजी से गिरावट आने लगी है। अब जनता को ही तय करना है कि हम भारतीय संस्कृति को अपनाएगे और अपने धर्मो व संस्कृति को सुरक्षित रखेंगे या हम पाश्चात्य संस्कृति का हिस्सा बनेंगे और उन्हे अपनायेंगे।
उन्होंने कहा मानव अधिकार पुनः देशवासियों से भारत की तहजीब व भारत की संस्कृति को जिन्दा रखने का कर्तव्य समझते हुए विनम अपील करता है।
प्रेेेसवार्ता के दौरान राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. इमरान अहमद के साथ मानवाधिकार के वरिष्ठ पदाधिकारी परवेज़ गाजी, सचिन कुमार बालियान, गुलिस्ता खानम डॉ. इकबाल सिद्दीकी, सय्यद मौ. सईद, डॉ. मानसी शर्मा, अफरोज आलम, इकराम, आरके चमन, आईशा खान, कौसर हसीन एवँ जुबैर इमरान मौजूद रहे।