राज्य बीज और जैविक उत्पाद प्रमाणीकरण एजेंसी की बैठक में लिए गए महत्वपूर्ण निर्णय
बैठक में, मत्स्य पालन व मशरूम उत्पादन का जैविक प्रमाणीकरण करने हेतु एपीडा से मान्यता प्राप्त करने के लिए स्वीकृति प्रदान की गई।

देहरादून। उत्तराखण्ड राज्य बीज एवम जैविक उत्पाद प्रमाणीकरण एजेंसी (यूएसएस एण्ड ओपीसीए) की प्रबन्ध कारिणी परिषद् की 54वीं बैठक में मंगलवार को कई निर्णय लिए गए।
रिंग रोड स्थित किसान भवन में परिषद के अध्यक्ष पूर्व सांसद बलराज पासी की उपस्थिति में हुई इस बैठक में एजेन्सी की रुद्रपुर में स्थापित बीज परीक्षण प्रयोगशाला के विस्तारीकरण पर सहमति व्यक्त की गई। राज्य के कृषि निदेशक डॉ. के.सी. पाठक ने जानकारी देते हुए बताया कि बैठक में, मत्स्य पालन व मशरूम उत्पादन का जैविक प्रमाणीकरण करने हेतु एपीडा से मान्यता प्राप्त करने के लिए स्वीकृति प्रदान की गई। साथ ही, जैविक प्रमाणीकरण हेतु नियुक्त निरीक्षकों को बाह्य संस्थाओं से मत्स्य पालन, मौन पालन, पशुपालन, खाद्य प्रसंस्करण आदि के प्रशिक्षण प्राप्त करने के प्रस्ताव को भी स्वीकृति प्रदान की गयी।
डॉ. पाठक ने बताया कि परिषद् सदस्यों द्वारा बीज उत्पादन से जुड़े किसानों के हितों के संरक्षण और संवर्धन के लिए रुद्रपुर स्थित प्रयोगशाला भवन में मण्डलीय कार्यालय खोलने का निर्णय लिया गया। परिषद सदस्यों ने जैविक बीज उपलब्धता के सम्बन्ध में संस्था द्वारा प्रशिक्षण, अनुदान आदि देने के संबंध में ध्यान आकृष्ट किया। इस पर समग्र रूप से विचार करने हेतु आगामी बैठक में प्रस्ताव रखने पर सहमति दी गई।
बैठक में अपर सचिव, वन, कहकशां नसीन, उप सचिव कृषि, नन्दनी शर्मा, श्री कान्त शर्मा एवं प्रबन्ध कारिणी परिषद् में बीज उत्पादक, विपणन कम्पनियों एवं उपभोक्ता के प्रतिनिधि माननीय सदस्य उपस्थित रहे।