Breaking NewsUttarakhand

श्रद्वालुओं को अब ऑनलाइन मिलना शुरू हुआ पंच बदरी प्रसादम

चमोली। भू-बैकुठ श्री बद्रीनाथ धाम से पंच बदरी प्रसादम अब देश और विदेश के श्रद्वालुओं को ऑनलाइन मिलना शुरू हो गया है। चमोली जिला प्रशासन ने पंच बदरी प्रसादम के विपणन के लिए कंपनी ऐमजोन से करार किया है। श्रद्वालु अब घर बैठे ऐमजोन पर ऑनलाइन भगवान बदरीनाथ का प्रसाद मंगवा कर पुण्य अर्जित कर सकते है। पंच बदरी प्रसाद ऐमजोन पर बदरीनाथ प्रसाद बैग के नाम से उपलब्ध है।

श्रद्वालुओं को ऐमजोन के माध्यम से पंच बदरी प्रसाद बैग में पवित्र पौराणिक सरस्वती नदी का जल, लक्ष्मी के रूप में सुगन्धित बदरीश तुलसी, हर्बल धूप, बदरी गाय का घी, हिमालयन डेमस्क रोज वाटर प्रसाद के  रूप में एक सुन्दर डिजायन के बैग और बाॅक्स में उपलब्ध कराया गया है। वैदिक परम्पराओं एवं पौराणिक मान्यताओं को ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन ने कडी मेहनत से देश विदेश के श्रद्वालुओं को सीधे भगवान बद्रीनाथ धाम से पंच बदरी प्रसाद पहुॅचाने की व्यवस्था की है।

इस प्रसाद का अपने आप में बहुत महत्व है। मान्यता है कि बदरी तुलसी जिसे स्वयं देवी लक्ष्मी का एक रूप माना जाता है और भगवान बिष्णु को बद्रीनाथ जी मंदिर में उनकी दैनिक पूजा-आरती के दौरान अर्पित किया जाता है। बदरी प्रसाद में यह तुलसी शामिल है। वही पवित्र सरस्वती नदी जो केवल बद्रीनाथ धाम में माणा गांव के निकट भीम पुल के पास दिखती है और इसके बाद अलकनंदा नदी में विलीन हो जाती है इस नदी का पवित्र जल है।

Badrinath Dham

बद्री सिक्का जो श्री बद्रीनाथ जी का शिलालेख है शामिल है। इसके अतिरिक्त प्राकृतिक सामग्री के उपयोग से स्थानीय स्वयं सहायता समूहों द्वारा निर्मित सुगन्धित हर्बल धूप और उच्च हिमालयी क्षेत्रों में उगाए गए डेमस्क गुलाब के फूलों का शुद्व गुलाब जल को बदरीनाथ प्रसाद बैग के साथ उपलब्ध कराया गया है। बदरीनाथ प्रसाद को रंगीन सुन्दर डिजायन के जूट से बने बैग और बाॅक्स में बेहतरीन पैकिंग की गई है। जो ऐमाजोन पर उपलब्ध है।

Advertisements
Ad 13

उल्लेखनीय है कि जिला प्रशासन ने बीते वर्ष स्थानीय लोगों को स्वरोजगार से जोड़ने की मंशा से पंच बदरी प्रसादम योजना शुरू की थी। इसमें स्वयं सहायता समूहों द्वारा उत्पादित चैलाई के लड्डू और स्थानीय काश्तकारों द्वारा तैयार गुलाब जल, हर्बल धूप, बदरीश तुलसी, सरस्वती नदी का जल सहित अन्य वस्तुएं प्रसाद के रूप में बदरीनाथ धाम में स्टाॅल लगाकर बेचा जा रहा था।

लेकिन कोरोना संकट के चलते इस वर्ष बद्रीनाथ धाम की तीर्थयात्रा का संचालन पूरे जोर शोर से न होने के कारण जहाॅ भक्तों को बदरीनाथ का प्रसाद नही मिल पा रहा है वही स्वयं सहायता समूहों और काश्तकारों को भी भारी नुकसान उठाना पड रहा है। इसको देखते हुए जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया के अथक प्रयासों से पंच बदरी प्रसादम की ऑनलाइन बिक्री की योजना तैयार की गई। उत्पादों के विपणन के लिए प्रसिद्व कंपनी ऐमजोन से करार किया गया।

जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने कहा कि कोरोना संकट के चलते पिछले सालों की तरह इस बार बदरीनाथ धाम तक तीर्थयात्री नही पहुंच पा रहे है। ऐसे में श्रद्वालुओं को घर बैठे प्रसाद मिल सके, इस मंशा से पंच बदरी प्रसादम को ऐमजोन के माध्यम से भक्तों तक पहुॅचाने का प्रयास किया गया है। प्रसाद किट ऐमजोन को उपलब्ध करा दी गई है। देश विदेश के श्रद्वालु अब ऐमजोन पर ऑनलाइन भगवान का प्रसाद मंगवा सकते है।

कहा कि बदरीनाथ प्रसाद बैग के माध्यम से पांचों बद्री धामों के महत्व को भी समझाया गया है, ताकि टूरिज्म को बढावा मिल सके। इस योजना से जहाॅ श्रद्वालुओं को घर बैठे भगवान बद्रीनाथ का प्रसाद मिल सकेगा वही इससे जुड़े जनपद के 18 स्वयं सहायता समूहों की 89 से अधिक सदस्यों की आजीविका भी संवरेगी।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button