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आखिर में जीत सत्य की ही होती है : मनीष वर्मा

देहरादून। प्रसिद्ध समाजेवी एवं वरिष्ठ भाजपा नेता मनीष वर्मा किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। बीते कईं वर्षों से वे जनसेवा के कार्यों को करते आ रहे हैं। अपने मृदुभाषी एवं जनसेवी स्वभाव के ज़रिए उन्होंने समाज में एक अलग पहचान बनाई हैं।

यदि मनीष वर्मा के जनसेवी स्वभाव की ही बात करें तो वे समाजसेवा व जनहित से जुड़े कार्यों में बढ़चढ़कर हिस्सा लेते हैं एवं अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। एक सच्चे समाजसेवी के तौर पर मशहूर मनीष वर्मा हर किसी के दुःख-सुख में साथ खड़े हुए नज़र आते हैं। उनका मानना है कि समाज सेवा के कार्य कर उनके मन को शांति एवं सुख की प्राप्ति होती है।

यही नहीं पृथक उत्तराखंड राज्य की मांग को लेकर चलाए गए आंदोलन में भी उन्होंने आगे बढ़कर प्रतिभाग किया और अलग राज्य बनाने के लिए की जा रही लड़ाई में योगदान दिया। उत्तराखंड राज्य निर्माण के बाद एनडी तिवारी सरकार में मनीष वर्मा पशुधन राज्य मंत्री बने और उत्तराखंड के विकास के लिए अनेक महत्वपूर्ण कार्य किये।

मनीष वर्मा के महान कार्यों की फेहरिस्त यहीं नहीं थमती उन्होंने उत्तराखंड फ़िल्म उद्योग के विकास में भी अपनी विशेष भूमिका निभाई है। उन्हें आज उत्तराखंड के मशहूर निर्माता, निर्देशक एवं अभिनेता के तौर पर भी पहचाना जाता है। उन्होंने ‘अंजवाल’, ‘हेलो यूके’ और ‘फ्यूंली’ जैसी उत्तराखंडी संस्कृति से जुड़ी सुपरहिट फिल्में बनाकर पहाड़ी संस्कृति को विश्वभर में प्रचारित करने का कार्य किया। ‘अंजवाल’ औऱ ‘हेलो यूके’ मल्टीप्लेक्स में रिलीज होने वाली उत्तराखंड की पहली फिल्में हैं, जिसका पूरा श्रेय मनीष वर्मा को ही जाता है।

वरिष्ठ भाजपा नेता के रूप में कार्य करते हुए श्री वर्मा ने अपने कर्तव्यों का बख़ूबी निर्वहन किया है। वे समय-समय पर पार्टी से जुड़ी गतिविधियों में शिरकत करते रहते हैं एवं जनहित से जुड़ी पार्टी की नीतियों को आमजन तक पहुंचाने का कार्य भी करते रहते हैं। यही नहीं विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा प्रत्याशियों को विजय दिलवाने में भी उन्होंने अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

अपनी मेहनत एवँ लंबे संघर्ष के बाद सफलता की बुलंदियों पर पहुंचे विख्यात पत्रकार और व्यवसायी मनीष वर्मा की कामयाबी उनके कुछ विरोधियों को रास नहीं आ रही, मनीष वर्मा के अनुसार उनके विरोधियों द्वारा उन्हें झूठे मुकदमे में फंसाने का प्रयास किया जा रहा है। हालांकि मामला न्यायालय में लंबित है और केस में न्यायालय ने उनके विरोधियों को झटका देते हुए पुनर्विवेचना एवं जांच के आदेश भी दे दिये हैं।

इस पूरे मामले पर मनीष वर्मा का कहना है कि विरोधी चाहे जितना भी प्रयास कर लें किन्तु ईश्वर उनकी साज़िशों को कभी कामयाब नहीं होने देंगे। सच हमेशा सच ही रहता है और ‘आखिर में जीत सत्य की ही होती है।’ उन्होंने कहा कि उन्हें भगवान और न्याय पालिका पर पूरा भरोसा है। उन्होंने उम्मीद जताते हुए कहा कि उन्हें इंसाफ ज़रूर मिलेगा।

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