उत्तराखंड में यूपीसीएल विभाग के बढ़ते कदम, पढ़िए पूरी खबर
अधिकारियों ने यूपीसीएल को 300 करोड़ रुपए बिजली खरीद के नुकसान से भी बचाया है, यानी उत्तराखंड को एक बड़ी मुसीबत से राहत मिली है।
देहरादून। जिस तीव्र गति से उत्तराखंड प्रदेश विकास के पथ पर बढ़ रहा है यकीनन इस पथ पर और गतिशील होगी। उत्तराखंड में जहाँ एक समय बिजली संकट मंडरा रहा था, उस समय यूपीसीएल विभाग ने इसे गम्भीरता से लेते हुए इस समस्या से प्रदेश को उभारा।
जानकारी हो कि अधिकारियों ने यूपीसीएल को 300 करोड़ रुपए बिजली खरीद के नुकसान से भी बचाया है, यानी उत्तराखंड को एक बड़ी मुसीबत से राहत मिली है। उत्तराखंड पीएफसी की उपभोक्ता सेवा रेटिंग की श्रेणी में सभी हिमालयी राज्यो में नम्बर एक स्थान पर आ गया है।
जानकारी हो कि 2020-21 में उत्तराखंड बी रेटिंग में था। वही 2021- 22 में ए ग्रेड में आ गया है। यूपीसीएल वित्तीय वर्ष 2022-23 में लगातार निर्धारित लक्ष्य से अधिक राजस्व प्राप्त कर रहा है। देहरादून में जल्द विद्युत तारों का अंडरग्राउंड किया जाएगा। पिछले लंबे समय से इसको लेकर प्रयास किया जा रहा था, लेकिन अब एशियन डेवलपमेंट बैंक से इसको लेकर सभी स्वीकृति मिल गई है।
अगर सब कुछ सही रहा तो एक साल के भीतर राजधानी की सड़कों पर लटकने वाले विद्युत तारों से मुक्ति मिल जाएगी। वही अब लोगों को बिजली से संबंधी अपनी शिकायतों को लेकर ऊर्जा निगम के चक्कर नहीं लगाने होंगे। इसके लिए यूपीसीएल एक ऐसा ड्राइव शुरू करने जा रहा है। जिसमें अधिकारी ही आपके पास पहुंचेंगे यानी यूपीसीएल जनता के द्वार कार्यक्रम के जरिए कैंप आयोजित कर रहा है। जहां उनकी समस्याएं सुनी जाएंगी।