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इंसाफ की जंग में बेटी की टूटी सांस, अब परिवार कर रहा जान के बदले जान की मांग

लखनऊ/नई दिल्ली। उन्नाव में दुष्कर्म की पीड़िता को ज़िंदा जला देने के बाद देर रात उसकी मृत्यु हो गयी। उन्नाव दुष्कर्म पीड़ित की मौत के बाद परिवार सदमे में है। दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में निढाल हालत में रोती हुई मां ने कहा कि हमारे साथ तो उन लोगों ने अत्याचार की कोई कसर नहीं छोड़ी। हमारा तो सबकुछ उजड़ गया। अब जैसे हमारी बिटिया की जान गई है, हमें भी जान के बदले जान चाहिए।

वहीं पीड़ित से एक साल बड़ी बहन ने कहा, ‘‘हमारी बहन हमारा संबल थी। वह छोटी जरूर थी, लेकिन हमारे परिवार के लिए प्रेरणादायक थी। अब हम उसकी मौत के बाद चुप नहीं बैठेंगे। अब हम उसकी लड़ाई लड़ेंगे। जब तक आरोपियों को सजा नहीं मिलती, तब तक मेरी लड़ाई जारी रहेगी। मुझे तो आरोपियों ने पहले ही बदनाम कर दिया है। अब कुछ भी हो जाए, चाहे मुझे भी जला दिया जाए, लेकिन मैं अपनी बहन के हत्यारों को नहीं छोड़ूंगी। शव के पोस्टमाॅर्टम होने के बाद हम लोग सीधे उन्नाव अपने गांव जाएंगे। अंतिम संस्कार वहीं होगा।’’

पीड़िता के पिता ने कहा कि हमको पैसा-रुपये का कोई मोह नहीं है, हमे इंसाफ चाहिए। उन्होंने कहा कि जिस तरह हैदराबाद में रेप के आरोपियों को एनकाउंटर में मार दिया गया। ठीक वैसे ही उनकी बेटी के गुनहगारों को भी या तो गोली मार दी जाए या उन्हें फांसी पर लटका दिया जाए। पीड़िता के पिता ने बताया कि घटना के बाद से ही आरोपियों के द्वारा उनके परिजनों को प्रताड़ित किया जाता रहा और कई बार उनके साथ मारपीट भी की गई मगर न तो प्रशासन और न ही किसी जनप्रतिनिधि ने ही उनकी सुध ली।

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मृतका के भाई ने रोते-बिलखते हुए मीडिया से कहा कि उनकी बहन बहुत बहादुर थीं। उन्होंने बताया कि वो आखिरी वक़्त तक ये ही कहती रही कि ” मैं जीना चाहती हूँ, मैं बच तो जाऊँगी ना।” उन्होंने कहा कि हमारी बहन तो चली गईं मगर अब हमें इंसाफ चाहिए और दोषियों को कठोर सजा दी जाए।

आपको बता दें कि 90% झुलसी उन्नाव की दुष्कर्म पीड़ित ने शुक्रवार रात 11.40 बजे कार्डियक अरेस्ट के बाद दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में दम तोड़ दिया। 5 दिसंबर देर रात उसे एयरलिफ्ट कर दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल लाया गया था। जमानत पर छूटे दुष्कर्म के आरोपियों ने गुरुवार तड़के उसे जलाया दिया था।

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