इस फिल्म के पोस्टर को लेकर मचा कोहराम, हिंदू महामंच ने शिकायत कराई दर्ज
मुम्बई। बाॅलीवुड में आजकल सस्ती पब्लिसिटी बटोरने के लिए तरह-तरह के और नये-नये हथकंडे अपनाने का दौर चल पड़ा है। ऐसा करने का निर्माताओं का उद्देश्य सिर्फ ये ही होता है कि किसी न किसी तरह बिना खर्चा किये बस लोगों का ध्यान आकर्षित किया जा सके। ऐसी ही कुछ कोशिश आने फिल्म ‘3 देव’ के निर्माताओं ने भी की है। जिससे ये फिल्म रिलीज से पहले ही विवादों में घिर गयी है।
गौरतलब है कि फिल्म ‘3 देव’ में अभिनेता केके मेनन, करण सिंह ग्रोवर, रवि दुबे और कुणाल रॉय कपूर अभिनय करते हुए दिखाई देने वाले हैं। प्राप्त खबर के अनुसार, कुछ दिन पहले ही इस फिल्म का पोस्टर जारी किया गया था जिसे लेकर विवाद खड़ा हो गया है। इस पोस्टर में दिखाया गया है कि करण सिंह ग्रोवर, रवि दुबे और कुणाल रॉय कपूर एक पेंटिंग के सामने खड़े हैं जो कि त्रिदेव, बृह्मा, विष्णु और महेश की है। इस फिल्म की टैग लाइन अंडरकवर भगवान भी लोगों को पसंद नहीं आ रही है। एक तरफ तो फिल्म के पोस्टर को लेकर सोशल मीडिया पर फिल्म की काफी चर्चा हो रही है तो वहीं धर्म रक्षक महामंच ने फिल्म के खिलाफ शिकायत दर्ज करा दी है।
हिंदू महामंच का कहना है कि जिस तरह पूजनीय त्रिदेवों को पीछे की तरफ छिपाकर तीनों अभिनेताओं का सामने खड़ा किया गया है वह एक विशेष समुदाय की भावना को आहत करना है। महामंच के अध्यक्ष रमेश जोशी ने सेंसर बोर्ड, फिल्म के निर्देशक और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को लिखित में शिकायत भेजी है। रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने कहा, “जिस तरह फिल्म निर्माता अपनी फिल्म बनाकर पैसा कमाने के लिए लोगों की भावना को आहत करते हैं वह कतई भी स्वीकार नहीं किया जाएगा।”
उन्होंने कहा, “यह हिंदू त्रिदेव का अपमान है। यह पोस्टर हिंदू धर्म और भगवान के प्रति आस्था रखने वाले लोगों को दुख पहुंचाता है। हमने फिल्म निर्माताओं से कहा है कि वे इस पोस्टर को वापस लें और फिल्म से ऐसी चीजों को भी हटा दें जो कि किसी धर्म की भावना को आहत कर सकती हैं। अगर वे हमारी मांगों को नहीं मानते हैं तो हम इसके खिलाफ कोर्ट में जाएंगे।” इसी बीच इस फिल्म को लेकर सेंसर बोर्ड के सदस्य अर्जुन गुप्ता ने भी एक चौंका देने वाला खुलासा किया है। गुप्ता का कहना है कि बोर्ड ने इस तरह की विवादित फिल्म के लिए हरी झंडी नहीं दी है।
बहरहाल ‘पदमावत’ के बाद अब एक और फिल्म का नाम विवादों से जुड़ गया है। सवाल ये उठता है कि लोगों की आस्था से खिलावाड़ कर बाॅलीवुड निर्माता आखिर कब तक सफलता की सीढ़ियां चढ़ते रहेंगे। सेंसर बोर्ड को इस ओर गहनता से सोचकर ठोस कदम उठाने की जरूरत है, जिससे देश में तनाव फैलने से रोका जा सके।