जाना था अमेरिका बन गया सीएम: योगी आदित्यनाथ

पहले एक सामान्य छात्र। फिर गोरक्षपीठ के महंत के उत्तराधिकारी। फिर सांसद। 1998 से लगातार संसद में मौजूद। फिर गोरक्षपीठ के महंत और अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ। करीब ढाई दशक लंबी इस यात्रा में उतार-चढ़ाव के तमाम अनुभवों से गुजरते हुए योगी ने बुधवार को अपने मुख्यमंत्री बनने की कहानी साझा की। उन्होंने कहा, ‘अचानक ऐसी परिस्थिति बनी कि मुझे विश्राम का अवसर तक नहीं मिला। मुझे अमेरिका जाना था लेकिन मुख्यमंत्री बन गया।’
पहले योग शिविर और फिर पांच कालिदास मार्ग स्थित अपने सरकारी आवास में कार्यकर्ताओं को सम्मानित करते हुए योगी ने बताया, ‘चुनाव खत्म होने के बाद वह थके हुए थे। इस बीच पता चला कि सांसदों का एक प्रतिनिधिमंडल अमेरिका जाने वाला है। इसमें मैं अपना नाम लिखाने के लिए दिल्ली चला गया और वापस गोरखपुर लौटा तभी भाजपा अध्यक्ष अमित शाह का फोन आया कि आप कहां हो। मैंने कहा कि अभी मैं दिल्ली से लौटा हूं तो उन्होंने कहा कि आपको यूपी जाना है। मैंने कहा मैं यूपी में ही हूं तो उन्होंने कहा आपको यूपी संभालना है।’
उन्होंने आगे बताया, ‘मुझे दिल्ली बुला लिया। जब मैं दिल्ली गया तो मेरे पास सिर्फ एक जोड़ी कपड़े थे और इतनी बड़ी जिम्मेदारी सौंप दी गई।’ यह बताते हुए योगी कार्यकर्ताओं को जमीन से जुड़े होने का संदेश दे रहे थे। सरकार और संगठन के बीच समन्वय की मंशा से योगी ने जब कहानी सुनाई तब एक सामान्य व्यक्ति के सत्ता के शीर्ष तक पहुंचने का भाव पूरी तरह झलक रहा था। ऐसा करके वह कार्यकर्ताओं को उनकी अहमियत बता रहे थे। वह यही कहना चाह रहे थे कि हर कार्यकर्ता खुद को मुख्यमंत्री की भूमिका में समझे और लोक कल्याण संकल्प पत्र की भावनाओं को साकार करने में अपना अहम योगदान दे।