जयपुर में 11 साल की मासूम से दरिंदगी, डीजे की आवाज में दबी बच्ची की चीखें
जयपुर। राजस्थान के जयपुर में मुरलीपुरा स्थित मैरिज गार्डन में सगाई समारोह के दौरान 11 साल की बच्ची से दुष्कर्म के मामले में पुलिस ने फोरेंसिक टीम की मदद से सोमवार को आरोपी स्टॉलवाले को पहचान लिया। कार्यक्रम में 500 मेहमान और 100 से ज्यादा अनजान लोग शामिल थे। 16 घंटे तक टीम ने बंद कमरे में शादी में शामिल हर अनजान की बारीकी से वैज्ञानिक जांच की। आरोपी के कपड़ों पर मासूम का खून मिला। 2 फरवरी की रात आरोपी ने दीदी की शादी में आई बच्ची के साथ टॉयलेट में मुंह और गला दबाकर दुष्कर्म किया था। टॉयलेट के आगे ही तेज आवाज में डीजे बज रहा था, इसलिए बच्ची के चीखने की आवाज किसी को सुनाई नहीं दी। बच्ची वॉशरूम में गई थी, उसे अकेले देख आरोपी भी घुस गया था।
जांच में सामने आया कि आरोपी राजू जयपुर में परिवार समेत रहता है और उसकी 11 साल की बेटी है। वीडियो रिकॉर्डिंग में ये भी सामने आया कि घटना के दौरान वह करीब 15 मिनट तक अपने स्टॉल से गायब था। वह वारदात से करीब एक घंटे पहले गार्डन के बाहर गया तो माथे पर बड़ा सा तिलक लगाकर आया। जब पुलिस ने शक के आधार पर पूछताछ की तो बार-बार माथे की तरफ इशारा करके रौब झाड़ा कि मैं बालाजी का भक्त हूं। घटना के बाद आरोपी बाहर कुछ देर इधर-उधर घूमता रहा। फिर वापस काउंटर के पास बैठ गया। तलाश के दौरान जैसे ही बच्ची लहूलुहान हालत में मिली तो वह भी आम लोगों की तरह ही ‘भगवान ये क्या हो गया’ बोलने लगा।
मैरिज गार्डन में मासूम से दरिंदगी की सूचना मिली तो डीसीपी कावेन्द्र सिंह सागर रविवार रात 10 बजे खुद मौके पर पहुंच गए। एडिशनल डीसीपी प्रकाश चंद शर्मा, एसीपी प्रमोद स्वामी, संध्या यादव, मुरलीपुरा एसएचओ रामवतार ताखर, एसएचओ विक्रम सिंह, एसएचओ रामकिशन बिश्नोई, डीएसटी प्रभारी देवेन्द्र, सीए इस्लाम खान और महिला एसएचओ सरोज धायल के नेतृत्व में टीमें बनाईं। सभी को अलग-अलग फुटेज और रिकॉर्डिंग खंगालने में लगाया। फोरेंसिक टीम को बुलाकर गार्डन में काम करने वाले सभी 50 वर्कर को गार्डन में बंद करवा दिया। सभी की गहन जांच कराई। सोमवार शाम को आरोपी की पहचान हो गई।
फोरेंसिक टीम ने बताया कि रविवार रात सवा 11 बजे बच्ची के साथ मैरिज गार्डन में दुष्कर्म की सूचना आई तो अधिकारियों को बताकर तुरंत मौके पर रवाना हो गए। मौके पर पुलिस ने शक के आधार पर गार्डन में काम करने वाले सभी 45 से 50 वर्कर को इकट्ठा कर रखा था। घटनास्थल से साक्ष्य जुटाकर सभी वर्करों के कपड़ों की तड़के 4 बजे तक जांच की। अंधेरा होने के कारण 8 से 10 संदिग्धों को दिन में जांच करने के लिए थाने भिजवाया। इसके बाद दिनभर संदिग्धों के कपड़े और शरीर की वैज्ञानिक तरीके से जांच करके मुख्य आरोपी तक पहुंचे। बच्ची की चाची ने बाथरूम में उसे लहुलुहान देखा। उन्हें लगा कि फिसल गई होगी होगी। एक महिला को मामला संदिग्ध लगा तो तुरंत हॉस्पिटल लेकर गए। यहां डॉक्टरों ने दुष्कर्म की बात बताई, तो माता-पिता बदहवास हो गए।