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जैसे शीशमबाड़ा में कूड़ा सड़ेगा वैसे ही उसके दलाल भी सड़ेंगेः आजाद अली

देहरादून। सहसपुर क्षेत्र के विधायक सहदेव सिंह पुंडीर के कार्यों पर टिप्पणी करते हुए उत्तराखण्ड कांग्रेस के प्रदेश सचिव आजाद अली ने उन्हें कटघरे में खड़ा किया है। उन्होंने सहदेव की नीयत पर सवाल करते हुए कहा कि सहसपुर के विधायक की कथनी और करनी में बहुत बड़ा फर्क है। वे पहले भी क्षेत्र की जनता को बेवकूफ बनाते थे और आज भी बना रहे हैं।

गौरतलब है कि सहसपुर क्षेत्र में जनसेवी नेता के रूप मे पहचाने जाने वाले आजाद अली ने सहसपुर क्षेत्र के हित के लिए अनेकों कार्य किये हैं। इसी कड़ी में उन्होंने क्षेत्र के शीशमबाड़ा में बनने जा रहे कूड़ा निस्तारण केन्द्र का विरोध करते हुए लम्बे समय तक आन्दोलन चलाया। इस दौरान उन्होंने शीशमबाड़ा में कूड़ा निस्तारण केन्द्र के निकट लगभग 6 माह तक आन्दोलित रहकर धरना दिया। इस दौरान उन्हें सरकार व प्रशासन द्वारा अनेकों यातनाएं भी सहनी पड़ी। उन पर व उनके समर्थकों पर पुलिस द्वारा लाठियां भी भांजी गयी और उन्हें गिरफ्तार भी किया गया, किन्तु उन्होंने हार नहीं मानी और सहसपुर क्षेत्र की भलाई के लिए अपने आन्दोलन को जारी रखा।

आजाद अली ने बताया कि वे अपनी ही पार्टी के भीतर राजनीति का शिकार बने और हरीश रावत सरकार द्वारा उनके साथ सियासत कर धोखा देने का कार्य किया गया। उन्होंने कहा कि जिस रैमकी कम्पनी को ट्रेन्चिंग ग्राउंड का ठेका दिया गया है उस कम्पनी का दलाल आर्येन्द्र लगातार हरीश सरकार ओर रैमकी की मध्यस्ता कराता रहा आज़ाद अली ने यह भी कहा कि हरीश रावत ने मुझे ही नही 75% कांग्रेसियो को सिर्फ धोखा ही दिया, जिसका खामियाजा हरीश रावत को दोनो जगह से चुनाव हारकर भुगतना पड़ा। वहीं सहदेव सिंह पुंडीर का जिक्र करते हुए आजाद अली ने कहा कि सहसपुर का विधायक रहते हुए सहदेव ने क्षेत्र के भले के लिए कोई कार्य नहीं किया वे पहले भी हर मोर्चे पर फेल थे और आज भी फेल ही साबित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि कूड़ा निस्तारण केन्द्र के खिलाफ चलायी जा रही मुहिम में सहदेव कुछ पल को जरूर हिस्सा बने थे किन्तु भाजपा द्वारा जब उन्हें सहसपुर से विधानसभा का टिकट देने प्रलोभन दिया गया तो उन्होंने तुरन्त इस मुद्दे से किनारा कर लिया।

आजाद अली ने कहा कि सहदेव सिंह पुडीर ने विधानसभा चुनाव के दौरान कूड़ा निस्तारण केन्द्र के मुद्दे को लेकर ही क्षेत्र की जनता के बीच जाकर वोट मांगे थे और इत्तेफाक से वो जीत भी गये। आज एक बार फिर सहदेव सहसपुर के विधायक है किन्तु आज भी कूड़ा निस्तारण केन्द्र का मुद्दा ठंडा पड़ा हुआ है। क्यों वे इस मुद्दे को लेकर अपनी आवाज नहीं उठाते, आखिर उनकी कथनी और करनी में इतना फर्क क्यों है। आजाद ने सहदेव को ललकारते हुए कहा कि क्या उनके भीतर इतना माद्दा है कि वे सहसपुर की भलाई के लिए अपनी ही सरकार से भिड़ सकें। शायद नहीं

उन्होंने सहसपुर विधायक को हिदायत देते हुए कहा कि सिर्फ बड़ी-बड़ी बातें करने से कोई जनता का हितैषी नहीं बन जाता। जनता की तकलीफों को समझने के लिए उनके बीच जाना पड़ता है, जबकि आज क्षेत्र की जनता विधायक जी से मिलने तक को संघर्ष करती हुई नजर आ रही है। इससे साफ जाहिर होता है कि वे क्षेत्र की जनता का कितना भला चाहते हैं। आजाद अली ने कहा कि सहदेव सहसपुर क्षेत्र के विकास के मामले में पहने भी शून्य थे और आज भी सिफर ही हैं।

उन्होंने मेयर विनोद चमोली का जिक्र करते हुए मीडिया से कहा कि मेयर चमोली ने अपने राजनीतिक फायदे के लिए सहस्त्रधारा रोड का कूड़ा शीशमबाड़ा में डलवाने का षड़यंत्र रचा। उन्होंने कहा कि मेयर चमोली के कुकर्मों की सजा अब सहसपुर क्षेत्र की जनता दुषित वातावरण में रहकर भुगतेगी। उन्होंने कहा कि इस कृत्य के लिए सहसपुर की जनता राज्य की भाजपा सरकार को कभी माफ नहीं करेगी।

आज़ाद अली ने यह भी कहा कि उन्होंने हमेशा जी-जान व बगैर किसी लालच के सहसपुर क्षेत्र की सेवा की है प्रशासन द्वारा किये गए कई मुकदमे भी झेल रहे हैं।  उन्होंने कहा कि “मुझे बहुत दुख है कि मैं शीशम बाड़ा से ट्रेन्चिंग ग्राउंड नही हटा पाया पर मैं अभी भी प्रयासरत हूं।” आजाद अली ने अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए कहा कि “ट्रेन्चिंग ग्राउंड की जद में आने वाले क्षेत्र वासियो की और मेरी बद्दुआ सहदेव पुंडीर, आर्येन्द्र शर्मा, हरीश रावत व उनके पिट्ठू प्रोपर्टी डीलर जो नेतागिरी का ढ़ोंग भी करते है, सहसपुर विधानसभा में इनको बर्बाद कर देगी। जैसे वहाँ कूड़ा सड़ेगा ऐसे ही ये लोग भी सड़ेंगे।”

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