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जम्मू-कश्मीर में जल्द होंगे चुनाव, लद्दाख बना रहेगा केंद्र शासित: मोदी

नई दिल्ली। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र माेदी ने गुरुवार रात 8 बजे राष्ट्र को संबोधित किया। करीब 40 मिनट का उनका भाषण जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने पर ही केंद्रित था। प्रधानमंत्री ने कहा कि अनुच्छेद 370 ने जम्मू-कश्मीर को दशकों तक केवल आतंकवाद, अलगाववाद, भ्रष्टाचार और परिवारवाद दिया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद हटने के बाद पूरा यकीन है कि केंद्र शासित जम्मू-कश्मीर और लद्दाख विकास की राह पर तेजी से आगे बढ़ेंगे। प्रधानमंत्री ने स्पष्ट किया, जब जम्मू-कश्मीर में हालात सामान्य होंगे, विकास होगा, राज्य में समृद्धि और शांति स्थापित हो जाएगी, तो यह केंद्र शासित नहीं रहेगा। केवल कुछ कालखंड के लिए इसे केंद्र शासित बनाया गया है।

प्रधानमंत्री ने कहा- एक राष्ट्र के तौर पर, एक परिवार के तौर पर आपने-हमने और पूरे देश ने ऐतिहासिक फैसला लिया एक ऐसी व्यवस्था जिसकी वजह से जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के भाई-बहन अनेक अधिकारों से वंचित थे। जो उनके विकास में बड़ी बाधा थी, वो हम सबके प्रयासों से अब दूर हो गई है। जो सपना पटेल का था, अंबेडकर का था, श्यामाप्रसाद मुखर्जी, अटलजी और करोड़ों देशभक्तों का था, वो सपना अब पूरा हुआ है। जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में एक नए युग की शुरुआत हुई है।

मोदी ने कहा- कुछ बातें समय के साथ इतनी घुल-मिल जाती हैं कि उनका मन में स्थायी भाव बन जाता है। धारा 370 को लेकर भी यही हुआ। इससे जम्मू-कश्मीर और लद्दाख की जो हानि हो रही थी, उसकी चर्चा ही नहीं होती थी। अनुच्छेद 370 और 35ए ने जम्मू-कश्मीर को अलगाववाद, आतंकवाद, परिवार, भ्रष्टाचार के अलावा कुछ नहीं दिया। इन दोनों अनुच्छेद का देश के खिलाफ कुछ लोगों की भावनाएं भड़काने के लिए पाकिस्तान द्वारा एक शस्त्र के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा था। इसकी वजह से पिछले तीन दशक में लगभग 42 हजार निर्दोष लोग मारे गए। ये आंकड़ा किसी की भी आंख में आंसू ला देता है।

देश की भलाई के लिए जो काम सरकार करती थी, उससे कश्मीर के डेढ़ करोड़ लोग दशकों तक वंचित रहे। कोई कल्पना भी नहीं कर सकता है कि संसद इतने कानून बनाए और देश के एक हिस्से में वह लागू ही ना हों। देश के अन्य हिस्सों में बच्चों के लिए शिक्षा का अधिकार, बेटियों के हक का अधिकार, माइनॉरिटी एक्ट, कर्मचारियों के लिए कानून, मजदूरों के लिए मिनिमम वेजेज एक्ट, चुनाव में एससी-एससी आरक्षण जैसी सुविधाएं थीं। लेकिन, यहां ये लाभ नहीं मिल पाते थे। यहां के बच्चों, बेटियों और भाइयों-बहनों का क्या गुनाह है।

आर्टिकल 370 खत्म होेने के बाद उसके नकारात्मक परिणामों से भी जम्मू-कश्मीर जल्द बाहर निकलेगा। नई सरकार में यह प्राथमिकता रहेगी कि यहां वह सभी सुविधाएं कर्मचारियों को मिलें, जो केंद्र शासित प्रदेशों में मिलती हैं। हेल्थ स्कीम, रेंट अलाउंस, बच्चों की शिक्षा जैसी सुविधाएं मिलें। ऐसी सुविधाओं का तत्काल रिव्यू कराकर पुलिस और कर्मचारियों और उनके परिजनों को ये सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी। जल्दी ही जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में सभी केंद्रीय और राज्य के रिक्त पदों को भरने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। स्थानीय नौजवानों को रोजगार के अवसर मिलेंगे। पब्लिक और प्राइवेट सेक्टर की कंपनियों को भी रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। सेेना और अर्ध सैनिक बलों द्वारा स्थानीय युवकों की भर्ती के लिए रैलियों का आयोजन किया जाएगा। प्रधानमंत्री स्कॉलरशिप योजना का भी विस्तार किया जाएगा, ताकि ज्यादातर युवकों को इसका लाभ मिल सके।

केंद्र ने अनुच्छेद 370 हटाने के साथ ही कुछ कालखंड के लिए जम्मू-कश्मीर को सीधे केंद्र सरकार के शासन में रखने का फैसला बहुत सोच-समझकर लिया है। गवर्नर रूल लगने के साथ ही यहां गुड गवर्नेंस और डेवलपमेंट का बेहतर प्रभाव जमीन पर दिखाई देने लगा। जो योजनाएं पहले सिर्फ कागजों में रह गई थीं, उन्हें अब जमीन पर उतारा जा रहा है। प्रशासन में नई कार्य शैली और पारदर्शिता लाने का प्रयास किया है। आईआईटी, आईआईएम, एम्स, इरीगेशन प्रोजेक्ट, पावर प्रोजेक्ट, एंटी करप्शन ब्यूरो सब कामों में तेजी आई है। कनेक्टिविटी से जुड़े प्रोजेक्ट, सड़क और नई रेल लाइन का काम, एयरपोर्ट का आधुनिकीकरण सभी को तेज गति से आगे बढ़ाया जा रहा है।

प्रधानमंत्री ने कहा- भारत का लोकतंत्र इतना मजबूत होने के बावजूद बंटवारे के समय पाकिस्तान से जम्मू-कश्मीर आए हजारों-लाखों लोगों को विधानसभा, पंचायत, नगर पालिका, महा-नगरपालिका चुनाव में मतदान का अधिकार नहीं था। अन्य राज्यों में उन्हें सारे अधिकार हैं, केवल जम्मू-कश्मीर में नहीं है। क्या ये ऐसा ही चलता रहता। अब आपका जनप्रतिनिधि आपके द्वारा चुना जाएगा, आपके बीच से ही आएगा। जैसे पहले एमएलए होते थे, वैसे भी आएगे ही होंगे। जैसी मंत्रिपरिषद और सीएम होते थे, वैसे ही आगे भी होंगे। पूरा विश्वास है कि इस नई व्यवस्था के तहत हम सब मिलकर आतंकवाद, अलगाववाद से जम्मू-कश्मीर को मुक्त कराएंगे।

धरती के स्वर्ग कश्मीर में अब हर हक मिलेगा। जब ऐसा वक्त आएगा, तो मैं नहीं मानता कि केंद्र शासित व्यवस्था जम्मू-कश्मीर के अंदर चलाए रखने की जरूरत पड़ेगी। हां, लद्दाख में वह बनी रहेगी। जम्मू-कश्मीर की सरकार बने, नए तेजस्वी विधायक, मंत्री और मुख्यमंत्री बनें। मैं भरोसा दिलाता हूं कि बहुत ही ईमानदारी और पारदर्शी वातावरण में आपको अपना प्रतिनिधि चुनने का अवसर मिलेगा। जैसे पंचायत चुनाव संपन्न कराए गए, वैसे ही जम्मू-कश्मीर के चुनाव भी पारदर्शिता के साथ ही होंगे।

उन्होंने कहा- मुझे विश्वास है कि अलगाववाद को खत्म करके हम नई आशा, ऊर्जा के साथ आगे बढ़ेंगे। जम्मू-कश्मीर की जनता गुड गवर्नेंस के वातावरण में नए मुकाम हासिल करेगी। दशकों के अलगाववाद ने जम्मू-कश्मीर के युवाओं को नेतृत्व का अवसर ही नहीं दिया। अब युवा विकास का नेतृत्व करेंगे और उसे नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे। बहन-बेटियों से आग्रह करूंगा कि अपने क्षेत्र के विकास की कमान संभालने के लिए आगे आइए।

मोदी ने कहा- जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में दुनिया का सबसे बड़ा टूरिस्ट डेस्टिनेशन बनने की क्षमता है। इसके लिए वातावरण और शासन-प्रशासन में बदलाव किए जा रहे हैं। लेकिन, इसमें मुझे हर हिंदुस्तानी का साथ चाहिए। एक जमाना था कि जब फिल्मों की शूटिंग के लिए कश्मीर पसंदीदा जगह थी। उस दौरान शायद ही कोई फिल्म बनती हो, जिसकी कश्मीर में शूटिंग ना हो। अब स्थिितयां सामान्य होंगी तो दुनियाभर के लोग फिल्मों की शूटिंग करने आएंगे। हर फिल्म रोजगार के लिए अवसर लेकर आएगी। मैं हिंदी, तमिल, तेलुगु और इससे जुड़े हर आदमी से कहूंगा कि जम्मू-कश्मीर को प्राथमिकता दे।

मोदी ने कहा- मैं आग्रह करता हूं कि टेक्नोलॉजी से जुड़े लोग अपनी नीतियों और फैसलों में इस बात को प्राथमिकता दें कि जम्मू-कश्मीर को तकनीक से जोड़ा जाए। जितना ज्यादा टेक्नोलॉजी का विस्तार होगा, उतना ही कश्मीर के लोगों का जीवन आसान होगा। आजीविका के अवसर बढेंगे। सरकार ने जो फैसला लिया है, वो उन नौजवानों को भी मदद करेगा। यहां जब स्पोर्ट्स स्टेडियम, खेल सुविधाओं का विकास होगा, तो कश्मीर का बच्चा दुनिया के अंदर हिंदुस्तान का नाम रोशन करेगा। यहां के बच्चों में यह ताकत भरी है।

लद्दाख में स्पिरिचुअल, एडवेंचर और इको टूरिज्म का सबसे बड़ा केंद्र बनने की क्षमता है। सोलर पावर में भी लद्दाख सबसे बड़ा केंद्र बन सकता है। वहां के सामर्थ्य का उचित इस्तेमाल होगा। बिना भेदभाव विकास के नए अवसर बनेंगे। लद्दाख को इनोवेशन, शिक्षा, अस्पताल, इन्फ्रास्ट्रक्चर मिलेगा। लोकतंत्र में यह भी स्वाभाविक है कि कुछ लोग इस फैसले के पक्ष में हैं और कुछ को मतभेद हैं। मैं मतभेद और आपत्तियों का सम्मान करता हूं। केंद्र समाधान का प्रयास भी कर रही है। मेरा उनसे आग्रह है कि वे देशहित को सर्वोपरि रखते हुए व्यवहार करें। जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को नई दिशा देने में सरकार की मदद करेंगे। संसद में किसने मतदान किया, किसने नहीं किया… इससे आगे बढ़कर अब हमें जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के हित में मिलकर और एकजुट होकर काम करना है।

वे बोले- मैं हर देशवासी से यह भी कहना चाहता हूं कि कश्मीर और लद्दाख के लोगों की चिंता सबकी चिंता है। यह 130 करोड़ भारतीय नागरिकों की चिंता है। उनके सुख-दुख उनकी तकलीफ से हम अलग नहीं है, अलग नहीं हो सकते। 370 से मुक्ति एक सच्चाई है। लेकिन, सच्चाई ये भी है कि इस समय ऐहतियात के तौर पर कुछ कदम उठाने की जरूरत थी। उनके कारण जो भी परेशानी हो रही है, उसका मुकाबला भी वहीं के लोग कर रहे हैं, वे भी सहयोग दे रहे हैं।

मोदी ने कहा- कुछ मुट्ठीभर लोग जो हालात बिगाड़ना चाहते हैं, उन्हें धैर्यपूर्वक जवाब भी वहीं के भाई-बहन दे रहे हैं। आतंकवाद और अलगाववाद को बढ़ावा देने की पाकिस्तानी साजिश के विरोध में जम्मू-कश्मीर के ही देशभक्त लोग डटकर खड़े हैं। ये सभी भाई-बहन अच्छा जीवन जीने के अधिकारी हैं, सपने साकार करने का उन्हें मौका मिले ये उनका हक है। मैं इन साथियों को भरोसा देता हूं कि धीरे-धीरे हालात सामान्य हो जाएंगे और उनकी परेशानी भी कम होती चली जाएगी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि ईद का मुबारक त्योहार भी नजदीक ही है। ईद के लिए मेरी ओर से आप सभी को बहुत शुभकामनाएं। सरकार इस बात का ध्यान रख रही है कि वहां ईद मनाने में कोई परेशानी ना हो। जो साथी कश्मीर से बाहर रहते हैं और ईद पर वापस जाना चाहते हैं, उन्हें भी सरकार मदद कर रही है। इस अवसर पर मैं कश्मीर की सुरक्षा में तैनात सुरक्षाबलों, प्रशासन, कर्मचारियों, पुलिस का धन्यवाद करता हूं। जम्मू-कश्मीर देश का मुकुट है। इसकी रक्षा के लिए वीर बेटे-बेटियों ने अपना बलिदान दिया है। पुंछ के मौलवी गुलामदीन, जिन्होंने 65 की लड़ाई में पाकिस्तानी घुसपैठियों के बारे में सेना को बताया था। उन्हें अशोक चक्र से सम्मानित किया गया। कारगिल में दुश्मनों को धूल चटाने वाले सोनम वांगचुक को वीर चक्र दिया। आतंकी को मारने वाली रुखसाना को कीर्ति चक्र दिया गया। पुंछ के शहीद औरंगजेब की आतंकियों ने हत्या कर दी थी, उनके दोनों भाई सेना में भर्ती होकर देश की सेवा कर रहे हैं। आतंकियों से लड़ते हुए अफसर शहीद हुए, नागरिक मारे गए, देश के अन्य हिस्सों से हजारों लोगों की जान गई। इन सभी का सपना रहा है शांत, सुरक्षित, समृद्ध जम्मू-कश्मीर बनाने का। उनके सपनों को हमें मिलकर पूरा करना है। ये फैसला जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के साथ ही पूरे भारत की आर्थिक प्रगति में सहयोग करेगा। आइए हम मिलकर दिखा दें कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लोगों का सामर्थ्य, जज्बा और हौसला कितना ज्यादा है।

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