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जन्माष्टमी पर ऐसे करें कान्हा को प्रसन्न

नई दिल्ली। वैसे तो भक्तगण हमेशा अपने आराध्य श्रीकृष्ण और राधा का नाम स्मरण करते रहते हैं लेकिन जन्माष्टमी ऐसा पर्व है जब भगवान श्रीकृष्ण और राधा जी का सच्चे मन से ध्यान किया जाये तो ना सिर्फ सभी पापों से मुक्ति मिलती है बल्कि मन की सभी मनोकामनाएँ भी पूर्ण होती हैं। इस जन्माष्टमी पर हम आपको भगवान को प्रसन्न करने के लिए कुछ मंत्र बता रहे हैं साथ ही मधुराष्टकम का पाठ करने की सलाह दे रहे हैं।

मधुराष्टकम
अधरं मधुरं वदनं मधुरं नयनं मधुरं हसिंत मधुरम्।
हृदयं मधुरं गमनं मधुरं मधुराधिपतेरखिलं मधुरम्।।
वचनं मधुरं चरिंत मधुरं वसनं मधुरं वलितं मधुरम्।
चलितं मधुरं भ्रमितं मधुरं मधुराधिपतेरखिलं मधुरम्।।
वेणुर्मधरो रेणुर्मधुरः पाणिर्मधुरः पादौ मधुरौ।
नृत्यं मधुरं सख्यं मधुरं मधुराधिपतेरखिलं मधुरम्।।
गीतं मधुरं पीतं मधुरं भुक्तं मधुरं सुप्तं मधुरम्।
रूपं मधुरं तिलकं मधुरं मधुराधिपतेरखिलं मधुरम्।।
करणं मधुरं तरणं मधुरं हरणं मधुरं रमणं मधुरम्
वमितं मधुरं शमितं मधुरं मधुराधिपतेरखिलं मधुरम्।।
गुंजा मधुरा माला मधुरा यमुना मधुरा वीची मथुरा।
सलिलं मधुरं कमलं मधुरं मधुराधिपतेरखिलं मधुरम्।।
गोपी मधुरा लीला मधुरा युक्तं मधुरं मुक्तं मधुरम्।
दृष्टं मधुरं शिष्टं मधुरं मधुराधिपतेरखिलं मधुरम्।।
गोपा मधुरा गावो मधुरा यष्टिर्मधुरा सृष्टिर्मधुरा।
दलितं मधुरं फलितं मधुरं मधुराधिपतेरखिलं मधुरम्।।
भगवान श्रीकृष्ण को प्रसन्न करने हेतु कुछ मंत्र
1- कृं कृष्णाय नम: (मान्यता है कि यह स्वयं भगवान श्रीकृष्ण द्वारा बताया गया मूलमंत्र है। इसके उच्चारण से घर परिवार में सुख शांति रहती है।)
2- ऊं श्रीं नम: श्रीकृष्णाय परिपूर्णतमाय स्वाहा (मान्यता है कि इस महामंत्र का जाप करने से अटके काम पूरे होते हैं।)
3- गोवल्लभाय स्वाहा (कहने को इस मंत्र में दो ही शब्द हैं लेकिन यह बड़ा फलदायक मंत्र है।)
4- गोकुल नाथाय नम: (इस मंत्र के उच्चारण से सभी मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं।)
5- क्लीं ग्लौं क्लीं श्यामलांगाय नम: (इस मंत्र का उच्चारण आर्थिक स्थिति सुधारता है और सिद्धि प्रदान करता है।)
6- ऊं नमो भगवते श्रीगोविन्दाय (यदि प्रेम विवाह की राह में अड़चन आ रही है तो इस मंत्र का जाप करें।)
7- ऐं क्लीं कृष्णाय ह्रीं गोविंदाय श्रीं गोपीजनवल्लभाय स्वाहा ह्र्सो (उच्चारण में थोड़ा कठिन यह मंत्र वाणी को वरदान देने वाला है।)
इसके अलावा यह कुछ उपाय आप जन्माष्टमी पर जरूर करें। इन उपायों से निश्चित ही आप भगवान श्रीकृष्ण को प्रसन्न कर सकेंगे।
-श्रीराधा-कृष्ण के मंदिर में भगवान श्रीकृष्ण को पीले फूलों की माला अर्पण करें।
-श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के दिन मंदिर में भगवान श्रीकृष्ण को पीले रंग के कपड़े, पीले अनाज, पीले फल और पीली मिठाई चढ़ाएं।
-भगवान श्रीकृष्ण को साबुदाने अथवा चावल की खीर का भोग लगाएं, खीर में चीनी के बजाय मिश्री डालें और तुलसी दल भी मिश्रित करें।
-दक्षिणावर्ती शंख में जल भरकर भगवान श्रीकृष्ण का अभिषेक करें।
-रात बारह बजे, जिस समय भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था उस समय दूध में केसर मिलाकर श्रीकृष्ण का अभिषेक करना चाहिए।
-भगवान श्रीकृष्ण को पानी वाला नारियल व केला अर्पित करें।
-जन्माष्टमी के दिन अपने घर में 7 कन्याओं को बुलाकर उन्हें सफेद मिठाई या फिर खीर खिलाएं साथ ही उन्हें कुछ उपहार भी दें इससे रुके हुए कार्य बनने लगेंगे।
-शाम के समय तुलसीजी के सामने घी का दीपक जलाएं और ओम नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जाप करते हुए तुलसी के पौधे की 11 बार परिक्रमा करें। इससे घर में सुख शांति का वास होता है।

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