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झूठ बोल रहा है नीति आयोग : तेजस्वी

पटना। भारत के पिछड़ेपन के लिए बिहार, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान को कथित रूप से जिम्मेदार ठहराने के नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत के बयान पर जदयू ने ऐतिहासिक कारण को जिम्मेदार ठहराया है, वहीं मुख्य विपक्षी राजद ने कहा कि मुख्यमंत्री को राज्य की जनता को बताना चाहिए कि नीति आयोग झूठ बोल रहा है।

राजद नेता तेजस्वी यादव ने आज एक विज्ञप्ति जारी कर कहा कि नीति आयोग के सीईओ ने अज्ञानतावश बड़े ही दुर्भाग्यपूर्ण रूप से एक गैरजिम्मेदाराना बयान दिया है कि बिहार, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान जैसे राज्यों ने ही देश में प्रगति की रफ्तार को कम कर दिया है। उन्होंने कहा कि नीति आयोग ने एक तरह से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बिहार मॉडल की धज्जियाँ उड़ा दी हैं। मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में तो 15 साल से भाजपा की सरकारें हैं।

विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी ने कहा कि कांत कहते हैं कि बिहार पिछड़ा हुआ है जबकि इस राज्य में तेरह साल से भाजपा और जदयू की तथाकथित ब्राण्ड बिहार वाली सुशासन सरकार है। उन्होंने कहा कि नीति आयोग के इस बयान पर नीतीश कुमार सामने आएं और बिहार की जनता को बताएं कि नीति आयोग झूठ बोल रहा है। नीति आयोग की कड़े शब्दों में आलोचना करें। तेजस्वी ने कहा कि जिस बिहार के लोग अपने खून पसीने से राष्ट्र की समृद्धि और सामरिक शक्ति में वृद्धि करते हैं, उनके योगदान को कमतर आंक कर नीति आयोग ने बिहारी अस्मिता और कर्मठता को अपशब्द कहा है।
मीडिया में आई खबरों के मुताबिक कल जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय में अब्दुल गफ्फार खान स्मारक व्याख्यान के दौरान अमिताभ कांत ने कहा कि बिहार, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान जैसे राज्यों के कारण भारत पिछड़ा बना हुआ है। जदयू के प्रवक्ता और विधान पार्षद नीरज कुमार ने अमिताभ कांत के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इसके लिए राज्य नहीं बल्कि ऐतिहासिक कारण जिम्मेदार हैं। सभी क्षेत्रों के समान विकास से ही देश का सम्पूर्ण विकास हो सकता है।
नीरज ने कहा कि आज देश में आर्थिक और सामाजिक असमानता उभरने का एक बड़ा कारण असमान विकास है। आज देश में जितने भी विकसित राज्य हैं, उनके विकास में प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से बिहारियों का योगदान रहा है। बिहार के लोग जब अगर अन्य राज्यों के विकास में योगदान कर सकते हैं तब बिहार को क्यों नहीं विकसित किया जा सकता।

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