कासगंज हिंसा पर जिग्नेश मेवानी ने किया विवादस्पद ट्वीट
कासगंज। उत्तर प्रदेश के कासगंज में गणतंत्र दिवस (26 जनवरी) को तिरंगा फहराने को लेकर शुरू हुई हिंसा पर प्रशासन पूरी तरह काबू नहीं कर पाया है, इसमें चंदन गुप्ता नाम के युवक की गोली लगने से मौत भी चली गई, लेकिन इधर घटना राजनीतिक रंग लेती दिख रही है। बयानबाजियों का दौर शुरू हो गया है। दलित नेता और गुजरात के वडगाम से विधायक जिग्नेश मेवानी ने कासगंज की घटना पर एक ट्वीट किया, जिसे लेकर लोगों ने उन्हें ही निशाना बनाया। जिग्नेश मेवानी ने ट्वीट में लिखा- ”बस दो चार अफवाहें उड़ा दो, यहां जब चाहे दंगा करा दो, रोटी-वोटी लोग भूल जायेंगे, बस मंदिर-मस्जिद मुद्दा उठा दो।” जिग्नेश मेवानी के इस ट्वीट पर कुछ लोगों ने बताया कि मुद्दा मंदिर-मस्जिद का नहीं है, तिंरगा फहराने का है। कुछ लोगों ने भाषा की मर्यादा का ख्याल नहीं रखा। बहुत कम लोग जिग्नेश के ट्वीट का समर्थन करते नजर आए।
अंकित गुंजल नाम के यूजर ने लिखा- ”दलित का चोला ओढ़ के कांग्रेस का बेस बढ़ा दो, आजादी आजादी चिल्ला के हिन्दुओं को हिन्दुओं से लड़ा दो।” वीरेंद्र सिंह चौहान ने लिखा- ”चिंता मत करो अगला नंबर तुम्हारा ही है। उनके लिए तुम भी हिन्दू हो, जब मौका मिलेगा तब तुम्हें कौन सा बख्शने वाले हैं। शांतिप्रिय लोग जितनी वोट बैंक की राजनीति करनी है कर लो। मगर ऐसा ना हो कोई कंधा देने वाला ही ना बचे।” आकांक्षा ने लिखा- ”जब कोई दलित या मुस्लिम मरता है तो तुम्हें अफवाह शब्द याद नहीं आता है, तब तो सीधा लोकतंत्र खतरे में आ जाता है।” कुमार विश्वास नाम के यूजर ने लिखा- ”क्या आपने महाराष्ट्र दंगे में इसी एजेंडे पर काम करवाए थे?” राहुल ने लिखा कि जब किसान और गरीबी के नाम पर तुम्हारे जैसा नेता बन जाता है तो चारों तरफ वही दिखता है। निशांत पाटिल ने लिखा- ”आज की तारीख में दंगा भड़काने में तुम नंबर एक पर हो, आस-पास कोई नहीं है।”
बता दें कि कासगंज में सांप्रदायिक हिंसा के बाद पिछले दो दिनों से लगातार तनाव बना हुआ। प्रशासन ने वहां कर्फ्यू लगाया हुआ है। पुलिस ने 49 लोगों को हिरासत लिया है, जिनसे पूछताछ हो रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि घटना के गुनहगारों को बख्शा न जाए।