देहरादून। देश की रक्षा करते हुए देवभूमि उत्तराखंड के लाल ने अपने प्राणों की आहुति दे दी। प्राप्त जानकारी के मुताबिक दक्षिणी कश्मीर के पुलवामा जिले के अवंतीपोरा के ख्रीव में मंगलवार को आतंकियों के साथ मुठभेड़ में चंपावत के जांबाज जवान राहुल रैंसवाल और पुलिस के एक एसपीओ शहीद हो गए।
तल्लादेश के रियासीबमन गांव के मूल निवासी और 50 आरआर के जवान राहुल का परिवार अभी चंपावत के कनलगांव में रहता है। दो आतंकियों के भी मारे जाने की सूचना है, लेकिन अब तक उनके शव बरामद नहीं किए जा सके हैं।
सुरक्षाबलों को मंगलवार को ख्रीव के जंतरंग इलाके में आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के दो से तीन आतंकियों के छिपे होने की सूचना मिली थी। इस आधार पर सेना की 50 राष्ट्रीय राइफ ल्स (आरआर), सीआरपीएफ और एसओजी के जवानों ने सुबह करीब 11 बजे इलाके की घेराबंदी कर तलाशी अभियान चलाया।
भारी बर्फ बारी और जंगल क्षेत्र होने से सुरक्षाबलों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा। घेरा सख्त होने पर वहां एक मकान में छिपे आतंकियों ने जवानों पर ताबड़तोड़ गोलियां चलाईं, तो सुरक्षा बलों ने भी जवाबी फायरिंग की।
आतंकियों के हमले में 18 कुमाऊं (अभी 50 आरआर) के जवान राहुल रैंसवाल की शहादत हो गई। उनके अलावा जम्मू-कश्मीर पुलिस के एसपीओ राजोरी निवासी शाहबाज अहमद भी शहीद हो गए। दो आतंकियों के मारे जाने की भी सूचना आई, लेकिन तलाशी के दौरान किसी का शव बरामद नहीं हो पाया। इलाके में आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन लगातार जारी है।
शहीद राहुल रैंसवाल (25) के पिता वीरेंद्र सिंह रैंसवाल इस वक्त पत्नी हरू देवी के साथ चंपावत के कनलगांव में रहते हैं। शहादत की खबर से परिवार में मातम छा गया। पत्नी का रो-रोकर बुरा हाल है। पड़ोसी शहीद के परिजनों को ढाढस बंधा रहे हैं।
राहुल 2012 में फौज में भर्ती हुआ था। जबकि शहीद का बड़ा भाई राजेश रैंसवाल भी 2009 से फौज में है। और इस वक्त 15 कुमाऊं में लखनऊ में तैनात है। अपर जिलाधिकारी टीएस मर्तोलिया ने बताया कि शहीद राहुल रैंसवाल का अंतिम संस्कार पूरे सैन्य सम्मान के साथ किया जाएगा। शहीद की पार्थिव देह बृहस्पतिवार तक यहां पहुंचने की संभावना जताई जा रही है।