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केंद्र और दिल्ली सरकार पर पांच-पांच हजार रुपये का जुर्माना
नयी दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने पिछले साल दिल्ली विधानसभा के दो दिवसीय सत्र को अवैध तरीके से आयोजित करने का आरोप लगाने वाली याचिका पर जवाब नहीं देने के लिए केंद्र और दिल्ली सरकार पर पांच-पांच हजार रुपये का जुर्माना लगाया। न्यायमूर्ति राजीव शकधर ने कहा कि कई मौकों के बावजूद केंद्र और राज्य सरकार, उपराज्यपाल और दिल्ली विधानसभा के सचिव ने याचिका पर अपने जवाब दाखिल नहीं किये हैं। न्यायाधीश ने उन्हें अपना जवाब देने के लिए अंतिम अवसर दिया।
सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार के स्थाई वकील रमेश सिंह और गृह मंत्रालय के वकील ने जवाब देने के लिए एक और मौका दिये जाने की मांग की थी। अदालत ने अर्जी को स्वीकार करते हुए कहा, ‘‘प्रतिवादियों द्वारा पांच-पांच हजार रुपये का जुर्माना अदा करने की शर्त पर अंतिम अवसर दिया जाता है। जुर्माना याचिकाकर्ता को दिया जाएगा।’’ गत वर्ष 17 और 18 जनवरी को बुलाये गये विधानसभा के दो दिवसीय शीतकालीन सत्र की वैधता को चुनौती देने वाली याचिका पर अदालत सुनवाई कर रही थी।