खतरनाक है पटाखों से होने वाला प्रदूषण : डॉ. गांधी
देहरादून। दीपावली के दौरान लोग पटाखों पर बेतहाशा खर्च करते हैं। वहीं पटाखों और फुलझड़ियों आदि के जलाने की वजह से जहां एक ओर ध्वनि प्रदूषण होता है तो वहीं वायु भी दूषित होती है। ये कहना है सिटी हार्ट हॉस्पिटल के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. संजय गांधी का। उन्होंने बताया कि दिवाली पर एक बड़ी समस्या जो हर बार देखने को मिलती है वो है वायु प्रदूषण और ध्वनि प्रदूषण। ढेरों पटाखों का प्रदूषण वायु में पहले से ही मौजूद प्रदूषण में मिलकर कई बीमारियों के लक्षण पैदा करता है जैसे ब्रोन्काइटिस, अस्थमा आदि। और पटाखों के शोर से कुछ लोगों को सुनने सम्बन्धी परेशानियां हो सकती हैं।
उन्होंने बताया कि ये प्रदूषण आपकी आँखों के लिए बेहद खतरनाक होता है। इसके कारण आँखों में संक्रमण होना बेहद आम होता है। आँखों के साथ—साथ ये प्रदूषण आपके फेफड़ों, त्वचा और कानों के लिए भी बेहद नुकसानदेह होता है। क्योंकि पटाखों के शोर के अलावा उनका धुँआ और इस मौसम में पड़ने वाली धुंध दोनों मिलकर आपको अत्यधिक हानि पहुँचाना शुरू कर देते हैं। दिवाली के दौरान और आगे भी इस प्रदूषण से बचने के लिए डॉ. गांधी ने कुछ ज़रूरी बातें बताने बतायीं जिनका उपयोग करके प्रदूषित हवा से अपना बचाव किया जा सकता है।
उन्होंने बताया कि पटाखों के प्रदूषण से आँखों को कैसे बचाएं। दीवाली के समय फोड़े गए पटाखों की जहरीली गैस हवा में मिल जाती है जो काफी बड़ी समस्या का कारण बनती है। ये आँखों के लिए बिल्कुल भी अच्छी नहीं होती और इनसे बचने का सबसे अच्छा तरीका है पानी। ठंडे पानी से अपनी आँखों को पूरे दिन चार से पांच बार ज़रूर धोएं। ये आँखों की गंदगी को साफ़ करता है जिससे संक्रमण का खतरा नहीं बनता। ऐसे हमेशा अपने हाथों में आई—ड्रॉप्स रखें।
उन्होंने बताया कि हमारी आँखें प्रदूषण के बीच रहती हैं जिसकी वजह से कई तरह के लक्षण देखने को मिलते हैं जैसे एलर्जी, ग्रंथियों के अंदर स्राव, जलन, ड्राई ऑय, आँखों का लाल हो जाना, दर्द आदि। इसलिए इन सबसे बचने के लिए हमेशा अपने पास आईड्रॉप्स रखें और इसका इस्तेमाल इन लक्षणों को दूर करने के लिए करें। दिवाली तक रातों में प्रदूषण काफी अधिक हो जाता है। आप दिवाली की रात को प्रदूषित गैस से बचने के लिए सोते समय आई—पैच यानि आँखों पर बाँधने वाली पट्टी लगा सकते हैं इससे आपकी आँखें इन सब चीज़ों से सुरक्षित रहेंगी। सिर्फ रात ही नहीं दिन में भी आपकी आँखों में परेशानी हो सकती है। सूरज की किरणें हमारी आँखों को नुकसान पहुँचाती हैं।
सूरज की अल्ट्रावॉयलेट किरणें आपकी आँखों के लिए मैकुलर डिजनरेशन (धुंधला दिखाई देना) समस्या का कारण बन सकती है। तो इसलिए दिवाली के दौरान सूरज के सामने जाने से बचें। आँखों को हानिकारक किरणों और प्रदूषण से बचाने के लिए अल्ट्रावॉयलेट किरणों से बचाने वाले धूप के चश्मे पहनने की आदत डालें। पटाखों से निकलने वाला धुंआ और प्रदूषण अस्थमा के मरीज के लिए बेहद कष्टदायी हो जाता है। इस दिन सांस लेना बेहद मुश्किल होता है।
डॉ. गांधी ने कहा कि ये तो असंभव है कि आप दिवाली के दौरान धुएं से पूरी तरह से दूर रह पाएं लेकिन उन जगह से न जाने का प्रयास करें जहां पटाखें जल रहें हो और अगर आप उस दिन घर में ही रहेंगे तो यह सबसे अच्छी बात होगी। कोशिश करें की खुद भी पटाखे न जलाएं। अगर आप पटाखों वाली जगह से गुज़र रहें हैं तो अपने आप को बचाने के लिए नाक और मुँह तक मास्क पहन लें। आप केमिस्ट से मास्क खरीद सकते हैं। मास्क की जगह रूमाल या स्कार्फ़ का इस्तेमाल भी कर सकते हैं।
प्रदूषण से ज्यादा असरदार बचाव के लिए मास्क को गीला कर लें। खिड़कियाँ बंद रखने से ज्यादातर प्रदूषण बाहर ही रहेगा और एयर कंडीशनर आपको दम घुटने वाली अनुभूति से दूर रखने में मदद करेगा। अगर आप अस्थमा की दवाई लेते हैं तो ध्यान रहे कि एक भी दिन छूटे न और आप रोज़ाना इन्हे लेते रहें।