खत्म नहीं हो रहे पद्मावत की राह के कांटे
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने निर्माताओं को राहत देते हुए चारों राज्यों की सरकारों के फैसले को पलट दिया था और फिल्म को पूरे भारत में रिलीज करने का फैसला दिया था। सुप्रीम कोर्ट की ओर से हरी झंडी मिलने के बाद भी गुजरात में फिल्म की राह आसान नजर नहीं आ रही है।
संजय लीला भंसाली के निर्देशन में बनी फिल्म पद्मावत की रिलीज की राह के काटे खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहे हैं। मध्य प्रदेश, गुजरात, राजस्थान और हरियाणा की सरकारों ने फिल्म पर बैन लगाया था, जिसके खिलाफ फिल्म के निर्माता सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे। सुप्रीम कोर्ट ने निर्माताओं को राहत देते हुए चारों राज्यों की सरकारों के फैसले को पलट दिया था और फिल्म को पूरे भारत में रिलीज करने का फैसला दिया था। सुप्रीम कोर्ट की ओर से हरी झंडी मिलने के बाद भी गुजरात में फिल्म की राह आसान नजर नहीं आ रही है।
गुजरात मल्टीप्लेक्स एसोसिएशन के डायरेक्टर राकेश पटेल का कहना है कि यहां पद्मावत रिलीज नहीं होगी। समाचार के मुताबिक एसोसिएशन के डायरेक्टर ने कहा है, ‘हमने फैसला किया है कि पूरे गुजरात में फिल्म का प्रदर्शन नहीं किया जाएगा। हर कोई डरा हुआ है, कोई भी मल्टीप्लेक्स नुकसान नहीं सहन करना चाहता। हम क्यों नुकसान झेलें?’
सुप्रीम कोर्ट ने भले ही फिल्म की राह को आसान बनाने के लिए निर्माताओं के पक्ष में फैसला सुना दिया हो, लेकिन फिर भी कुछ लोगों द्वारा फिल्म रिलीज होने पर बुरे हालात पैदा करने की धमकियां दी जा रही हैं। गुजरात समेत राजस्थान में भी श्री राजपूत करणी सेना द्वारा फिल्म के खिलाफ प्रदर्शन किया जा रहा है। करणी सेना ने सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष प्रसून जोशी तक को धमकी दे डाली है। सेना ने कहा है कि अगर जोशी जयपुर साहित्य उत्सव के दौरान जयपुर आएंगे तो ‘बुरी तरह पीटे’ जाएंगे।
करणी सेना के अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेदी ने एक वीडियो के माध्यम से धमकी दी। उन्होंने कहा कि फिल्म का नाम बदलकर पद्मावती से पद्मावत किए जाने भर से वह संतुष्ट नहीं हैं, वह इस पर पूरी तरह से प्रतिबंध चाहते हैं। वहीं उज्जैन में करणी सेना के चीफ लोकेंद्र सिंह कलवी ने कहा है कि वह देशभर के सामाजिक संगठनों से अपील करके कहेंगे कि पद्मावत फिल्म ना चले। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद मध्य प्रदेश की सरकार में गृहमंत्री गुलाब चंद कटारिया ने कहा है कि वह इस आदेश का पालन करेंगे।