कोयला बनाम काला धन
हर जन को पता है कि भारत में मोदी जी के नेतृत्व में काला धन हटाया जा रहा है। जिसके चलते भारत के नीति-नियंताओं ने नियम-कानूनों में इजाफा किया है। परन्तु दूसरी ओर देखें तो केन्द्र सरकार में गद्दी पर विराजमान नेताओं ने ही उन नियम-कानूनों को ताव पर रखा है। उन नियम-कानूनों की धज्जियां भी उड़ाई हैं, लेकिन उनका धन सफेद करार दिया गया है। जैसा कि देखा गया है कि आम जनता के धन को ही अधिकांश काला धन क्यों कहा गया है। यहां लगी फोटों में जरा देखें तो एक आम आदमी के टोटल बिल 867 रूपये में 125.72 रूपये वैल्यू एडेड टैक्स लगाया गया।
उसी बिल में 867 रूपये के हिसाब से सर्विस टैक्स 48.55 रूपये भी काटा गया। साथ ही इसी टोटल अमाउंट के हिसाब से 1.73 रूपये SB Cess, 17.34 रूपये Cess और 1.73 पैसे KK Cess भी जोड़ा गया। इसी तरह टोटल अमाउंट और सभी प्रकार के टैक्स को जोड़कर कुल राशि 1062 रूपये हो गयी। क्या यह सही है, अगर नहीं तो 867 की राशि को 1062 किया गया और यदि यह सही है तो सारे टैक्स को जोड़कर राशि लेने के बाद भी यह काला धन कैसे हुआ।
इसे हम काले धन का काला रूप कहें तो कुछ गलत नहीं होगा। क्योंकि काला धन किसी और के पास है और लूट-झपट आम जनता के साथ हो रही है। दूसरी तरफ यह भी देखा जाता है कि धन केवल काला ही होता है। भले ही वो धन गरीब के पास हो या अमीर के पास, उसे काला धन ही कहा जाता है। तो सोचा जा सकता है कि ये दुनिया ही काली होनी चाहिए, जब सारा धन ही काला है और इस काली माया की हर मानव पर काली छाया होगी। साफ है कि प्रधानमंत्री जी भी काली छाया के अधीन होंगे। जब ऐसा है तो क्यों हर धन को काला धन बताया जा रहा है।
बस इतना ही है कि वर्तमान लड़ाई तो कोयला बनाम धन है, जो कि काला धन बनके रह गया है। मोदी क्या आम आदमी को पता भी कि क्या-क्या टैक्स लोगों से लिया जा रहा है। वैट और सर्विस टैक्स से तो सब अवगत हैं, मगर SB Cess, Cess और KK Cess, ये टैक्स कौन से हैं, जो कि लोगों से वसूले जा रहे हैं। साथ ही सारे टैक्स भरने वाले आम इनसान का धन भी काला धन क्यों हो गया। टैक्स देने के बाद भी काला धन, काली माया, काली छाया और काला आदमी। क्यों, ऐसा हो रहा है कि काले धन को बताकर आम आदमी को पीडि़त किया जा रहा है और जिनके पास काला धन है, उसे किसी न किसी तरीके से सफेद बना दिया जा रहा है।