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कुलदीप सिंह सेंगर की बढ़ी मुश्किलें, रेप के बाद अब हत्या का केस दर्ज

उन्नाव। उन्नाव गैंगरेप केस में आरोपी बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की मुश्किलें अब और बढ़ गई हैं। रायबरेली के गुरबख्शगंज में एक ट्रक के पीड़िता की कार को टक्कर मारने के मामले में उनके खिलाफ हत्या, हत्या के प्रयास और आपराधिक साजिश जैसी कई धाराओं में केस दर्ज किया गया है।

रविवार को कार के ट्रक की चपेट में आने के चलते दो लोगों की मौत हो गई थी, जबकि पीड़िता गंभीर रूप से घायल है और अस्पताल में इलाज चल रहा है। कार के ट्रक की चपेट में आने को लेकर विपक्ष का कहना है कि यह हादसा नहीं बल्कि एक साजिश है। भारी दबाव के बाद प्रशासन ने अब इस मामले में विधायक कुलदीप सिंह सेंगर समेत 10 लोगों के खिलाफ हत्या, हत्या के प्रयास, आपराधिक साजिश जैसी कई धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है। कुलदीप सिंह सेंगर के अलावा जिन लोगों पर मुकदमा दर्ज हुआ है, उसमें उनके भाई

मनोज सिंह सेंगर का नाम भी शामिल है। दरअसल, रेप और पीड़िता के पिता की पिटाई का मामला सामने आने के बाद कुलदीप सिंह सेंगर और उनके छोटे भाई अतुल सिंह सेंगर की गिरफ्तारी हो गई थी जबकि मनोज सिंह सेंगर पर इस मामले से लिंक न होने की वजह से वह बाहर थे। रायबरेली में रविवार को हुई घटना के बाद वह भी लपेटे में आ चुके हैं।

बता दें कि उत्तर प्रदेश में 2017 के विधानसभा चुनावों से ठीक पहले समाजवादी पार्टी का दामन छोड़कर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शामिल हुए। कुलदीप सिंह सेंगर ने बांगरमऊ से चुनाव लड़ा और जीत भी दर्ज की। इससे पहले 2012 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने उन्नाव की ही भगवंतनगर सीट से समाजवादी पार्टी (एसपी) के टिकट पर चुनाव लड़ा था और जीत दर्ज की थी।

कुलदीप सिंह सेंगर ने राजनीति की शुरुआत कांग्रेस से की थी। हालांकि, जब वर्ष 2002 में विधानसभा चुनाव आए, तो कुलदीप सिंह कांग्रेस का हाथ छोड़कर हाथी के साथ चल दिए। कुलदीप ने चुनावी मैदान में कांग्रेस के प्रत्याशी को बड़े अंतर से मात दे दी। बाहुबली की छवि बनाने की वजह से 2007 से पहले बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) की प्रमुख मायावती ने उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया। कुलदीप सिंह सेंगर ने एसपी का दामन थामकर बांगरमऊ से जीत दर्ज की।

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