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भूधंसाव से उत्तराखण्ड के पर्यटन व्यवसाय पर पड़ा असर, कईं शहरों के होटलों में बुकिंग निरस्त

देहरादून। जोशीमठ में भूधंसाव के प्रभाव का दायरा भले ही सीमित हो, लेकिन प्रदेश के पर्यटन पर इसका प्रभाव दिखने लगा है। जोशीमठ के निकटस्थ स्कीईंग के लिए अंतरराष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त औली में पर्यटकों ने आनलाइन बुकिंग निरस्त कराई है।

पहाड़ों की रानी मसूरी और नैनीताल में भी इसका असर देखा जा रहा है। जोशीमठ को छोड़कर पूरे प्रदेश के पर्यटन की छवि पर पड़ रहे प्रभाव ने सरकार के माथे पर बल डाल दिए हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कहना है कि जोशीमठ का सीमित क्षेत्र आपदा से प्रभावित है, लेकिन इसे भयावह बताने का असर पूरे उत्तराखंड के पर्यटन पर नहीं पडऩा चाहिए।

उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था में पर्यटन का योगदान 15 प्रतिशत से अधिक है। इससे जुड़े होटल, रेस्टोरेंट, छोटे ढाबों के साथ ही परिवहन के रूप में सेवा सेक्टर को सम्मिलित करने पर यह केवल आर्थिक ही नहीं, बल्कि रोजगार और आजीविका की दृष्टि से इसका दायरा और प्रभाव, दोनों ही महत्वपूर्ण हैं।

जोशीमठ के समीप औली में प्रतिवर्ष 15 हजार से अधिक पर्यटक पहुंचते हैं। भूधंसाव ने जोशीमठ में स्थानीय स्तर पर पर्यटन विशेष रूप से शीतकालीन पर्यटन पर प्रभाव डाला है। औली में 80 प्रतिशत बुकिंग निरस्त होने की जानकारी सामने आई है। औली होटल एसोसिएशन के संरक्षक अजय भट्ट ने कहा कि औली में पर्यटकों ने 80 प्रतिशत तक आनलाइन बुकिंग करा ली थी।

मसूरी और नैनीताल जैसे पर्वतीय पर्यटन स्थल पर भी जोशीमठ को लेकर व्याप्त भय का असर देखा जाने लगा है। यद्यपि इन दोनों स्थानों के पर्यटकों से गुलजार नहीं होने के पीछे कम बर्फबारी को बड़ा कारण माना जा रहा है, लेकिन होटल व्यवसायी एवं कारोबारी जोशीमठ को लेकर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हो रहे प्रचार को उत्तराखंड में पर्यटन की सेहत बिगडऩे के रूप में देख रहे हैं। कमोबेश यही आशंका सरकार को भी है।

मसूरी होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय अग्रवाल ने कहा कि जोशीमठ को लेकर बन रहे वातावरण का प्रभाव मसूरी पर पडऩे से होटल व रेस्टोरेंट में होने वाली बुकिंग 10 प्रतिशत भी नहीं रह गई। नैनीताल में भी बुकिंग में 50 प्रतिशत तक की गिरावट है।

जोशीमठ के कारण रद हो रही बुकिंग: सतपाल महाराज

गुरुवार को जोशीमठ दौरे पर गए पर्यटन, धर्मस्व व संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने सीधे तौर पर कहा कि जोशीमठ को लेकर जिस तरह से छवि बन रही है, उसे देख-सुनकर पर्यटकों ने अधिकतर बुकिंग रद कर दी है। उन्होंने कहा कि जोशीमठ को छोड़कर उत्तराखंड में सभी स्थान सुरक्षित हैं। सरकार औली में होने वाले विंटर गेम्स को संपन्न कराने का प्रयास करेगी।

‘कुछ लोग इंटरनेट मीडिया के माध्यम से पूरे उत्तराखंड की स्थिति को बहुत भयावह बना रहे हैं। यह बताया जा रहा है कि उत्तराखंड खतरे में है। इस तरह स्थिति बनाने से नकारात्मक संदेश जा रहा है। पर्यटकों और श्रद्धालुओं के बीच अच्छा संदेश नहीं जा रहा है। ऐसे व्यक्तियों से अनुरोध है कि ऐसी बातों का प्रचार-प्रसार न करें।’

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