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राजेश जुवांठा ने हाथ झटक कर कमल का दामन थाम लिया

देहरादून। उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2017 में भाजपा-कांग्रेस के नेताओं की पाला बदल होड़ में अब राजनीति का एक और पुराना नाम जुड़ गया है। पुरोला (उत्तरकाशी) से कांग्रेस के पूर्व विधायक रहे राजेश जुवांठा ने हाथ झटक कर कमल का दामन थाम लिया। वह कांग्रेस के दो दर्जन से अधिक पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं के साथ कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए। पुरोला सीट पर दावेदारी के बावजूद अन्य दावेदार को टिकट दिए जाने के बाद से ही जुवांठा नाराज चल रहे थे।

जुवांठा ने भाजपा के बलबीर रोड स्थित प्रदेश कार्यालय में पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक व विजय बहुगुणा, मीडिया प्रभारी डॉ. देवेंद्र भसीन, सह मीडिया प्रभारी बलजीत सोनी व प्रवक्ता विनय गोयल की मौजूदगी में भाजपा की सदस्यता ग्रहण की।

इस अवसर पर पूर्व विधायक जुवांठा ने कहा कि उन्हें कांग्रेस की सदस्यता विरासत में मिली थी। पिता बर्फिया लाल जुवांठा उत्तर प्रदेश के समय काबीना मंत्री रहे और मां शांति जुवांठा कांग्रेस के महिला मोर्चा की अध्यक्ष रह चुकी हैं।

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ऐसे में कांग्रेस छोड़ने का निर्णय आसान नहीं था, लेकिन मुख्यमंत्री हरीश रावत   ने ऐसे हालात पैदा कर दिए कि इसके अलावा कोई चारा नहीं बचा।

अपने मन के उद्गार व्यक्त करते हुए उन्होंने यह भी कहा कि पुरोला सीट पर कई बार पाला बदल चुके राजकुमार को टिकट दिया गया, जबकि पूर्व विधायक होने के नाते उन्हें टिकट मिलना चाहिए था। कांग्रेस अब डूबता जहाज हो चुका है और इसे छोड़ देने में ही भलाई है।

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