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एलजी की भूमिका प्रशासक की है : किरण बेदी

पुदुचेरी। पुदुचेरी में कांग्रेस सरकार के साथ दरार चौड़ी होने के संकेत देते हुए उपराज्यपाल किरण बेदी ने आज कहा कि सरकार चाहती है कि वह नाममात्र की प्रमुख बनी रहें जबकि नियमों में उन्हें प्रशासक की जिम्मेदारी दी गई है। उन्होंने स्पष्ट किया कि वह इससे पीछे नहीं हटेंगी। अगले वर्ष 29 मई को अपना पद छोड़ने की घोषणा पर कायम रहते हुए बेदी ने कहा कि उन्होंने ऐसा निर्णय इसलिए किया कि ‘‘वह एक कारण के लिए यह जिम्मेदारी निभा रही हैं न कि कार्यकाल के लिए’’ और ‘‘वे आवश्यक प्रक्रिया को दुरूस्त करेंगी ताकि तीसरे वर्ष की जरूरत नहीं पड़े।’’

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 बेदी ने एक साक्षात्कार में कहा, ‘‘एलजी की भूमिका प्रशासक की है न कि नाम मात्र के शासक की जैसा कि वे (कांग्रेस सरकार) मुझसे चाहते हैं। ऐसा उन्होंने अपनी अंतिम बैठक में कहा। मैंने उनसे कहा कि कृपया मेरी जिम्मेदारियों को पढ़ें जैसा कि एक प्रशासक के तौर पर वर्णित है।’’ पुदुचेरी में उनके और कांग्रेस सरकार के बीच बढ़ते मतभेद के बीच बेदी ने पिछले हफ्ते कहा था कि दो वर्ष का कार्यकाल पूरा होने पर वह पद छोड़ देंगी।
यह पूछने पर कि उन्होंने किन कारणों से पहले ही यह घोषणा कर दी तो बेदी ने कहा कि उन्होंने पिछले वर्ष 29 मई को उपराज्यपाल पद की शपथ ली थी जो उनकी मां का जन्मदिन है और उन्होंने इसी तारीख को अपनी जवाबदेही से मुक्त होने का निर्णय किया। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने दो वर्ष इसलिए कहा कि मैं चाहती थी कि पता चले कि मैं यहां किसी कारण से हूं न कि कार्यकाल पूरा करने के लिए या सेवाविस्तार की प्रतीक्षा के लिए।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं आवश्यक प्रणालियों को दुरूस्त करूंगी। तीसरे वर्ष की जरूरत नहीं पड़ेगी। इस तरह के निर्णय मेरी टीम को तत्परता का भाव देते हैं और मुझे व्यक्तिगत स्वतंत्रता महसूस होती है।’’ उन्होंने कहा कि पुदुचेरी ‘‘कर्ज के जाल में’’ फंसा हुआ है। बेदी ने कहा कि वित्तीय हालत पर आवश्यक कदम उठाने होंगे।

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