शिष्या से दुष्कर्म मामले में आसाराम को हुई उम्रकैद, गांधीनगर कोर्ट ने सुनाई सजा
स्वघोषित संत आसाराम को रेप मामले में उम्रकैद की सजा हुई है। गांधीनगर कोर्ट ने इस सजा का ऐलान किया है। इससे पहले सोमवार को कोर्ट ने उन्हें दोषी माना था और सजा के लिए मंगलवार का दिन सुनिश्चित किया था।
गांधीनगर। संत का चोला ओढने वाले आसाराम के पाप का घड़ा फूट चुका है और उन्हें रेप मामले में सजा का ऐलान हो गया है। गांधीनगर कोर्ट ने आसाराम को आजीवन कारावास (उम्रकैद) की सजा सुनाई है। बता दें कि कोर्ट ने सोमवार को आसाराम को रेप मामले में दोषी माना था। उनके खिलाफ गांधीनगर एडिशन डिस्ट्रिक्ट एंड सेशंस कोर्ट ने फैसला सुनाया था और दूसरे आरोपी को निर्दोष ठहराया गया था। फैसले में कहा गया था कि आसाराम की सजा का ऐलान आज (31 जनवरी) किया जाएगा।
क्या है पूरा मामला
ये साल 2013 का मामला है, जिसमें आसाराम पर सूरत की लड़की ने रेप का आरोप लगाया था, जबकि उसकी छोटी बहन ने नारायण साईं पर रेप का आरोप लगाया था। इस मामले में आसाराम के अलावा उसकी पत्नी लक्ष्मी, बेटी भारती और चार महिला अनुयायी ध्रुवबेन, निर्मला, जस्सी और मीरा आरोपी हैं।
जोधपुर जेल में बंद हैं आसाराम
81 साल के आसाराम इस समय जोधपुर जेल में बंद हैं। जहां वह 2013 में राजस्थान में अपने आश्रम में एक नाबालिग लड़की से बलात्कार के एक अन्य मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं।
सत्र अदालत के न्यायाधीश डीके सोनी ने सजा कितनी दी जाए, इस पर दलीलें सुनने के बाद फैसला सुनाया है। अदालत ने सोमवार को आसाराम को सूरत की रहने वाली एक महिला शिष्या से 2001 से 2006 तक कई बार बलात्कार करने के मामले में दोषी ठहराया था, ये तब हुआ जब शिष्या अहमदाबाद के पास मोटेरा में अपने आश्रम में रह रही थी।
कौन सी धाराओं के तहत मिली सजा
अदालत ने 2013 में महिला शिष्या द्वारा दर्ज मामले में आसाराम को भारतीय दंड संहिता की धारा 376 2 (C) (बलात्कार), 377 (अप्राकृतिक अपराध), 342 (गलत तरीके से हिरासत में रखना), 354 (महिला की लज्जा भंग करने के इरादे से उस पर हमला या आपराधिक बल प्रयोग), 357 (हमला) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत दोषी ठहराया।