Breaking NewsNationalWorld

लॉकडाउन के बहाने विजय माल्या ने सरकार से मांगी मदद, जानिए पूरा मामला

लंदन। भारत में भगोड़ा घोषित हो चुके शराब कारोबारी विजय माल्या (63) ने लॉकडाउन के बहाने सरकार से मदद मांगी है। माल्या ने एक बार फिर किंगफिशर एयरलाइंस का पूरा कर्ज चुकाने का ऑफर दिया है। उसने उम्मीद जताई है कि संकट की इस घड़ी में वित्त मंत्री उसकी बात सुनेंगी। माल्या ने मंगलवार सुबह ट्वीट कर कहा कि भारत सरकार ने लॉकडाउन कर बहुत अच्छा फैसला लिया है। मेरी सभी कंपनियों में काम बंद है। लेकिन, हम कर्मचारियों को घर नहीं भेज रहे और उनका खर्च उठा रहे हैं। ऐसे में सरकार को मदद करनी चाहिए।

Vijay Mallya

@TheVijayMallya

Indian Government has done what was unthinkable in locking down the entire Country. We respect that. All my Companies have effectively ceased operations. All manufacturing is closed as well. Yet we are not sending employees home and paying the idle cost. Government has to help.

माल्या ने कहा- बैंक पैसे लेने को तैयार नहीं
माल्या मार्च 2016 में लंदन भाग गया था। उसकी बंद हो चुकी किंगफिशर एयरलाइंस पर भारतीय बैंकों के 9,000 करोड़ रुपए बकाया हैं। माल्या के प्रत्यर्पण का केस चल रहा है। वह पहले भी कई बार कर्ज चुकाने का ऑफर दे चुका है। इस बार भी कहा है कि ना तो बैंक पैसे लेने को तैयार हैं, ना ही प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) अटैच प्रॉपर्टी रिलीज करना चाहता है।

Vijay Mallya

@TheVijayMallya

I have made repeated offers to pay 100 % of the amount borrowed by KFA to the Banks. Neither are Banks willing to take money and neither is the ED willing to release their attachments which they did at the behest of the Banks. I wish the FM would listen in this time of crisis.

कोरोना से बचने के लिए घर में रहें
माल्या ने लॉकडाउन को गंभीरता से लेने का मैसेज भी दिया है। उसने कहा है कि सुरक्षित रहना और सोशल डिस्टेन्सिंग अहम है। घर में रहकर यह संभव है। अपने परिवार और पेट्स के साथ वक्त गुजारिए। मैं भी यही कर रहा हूं। हम सभी को अपनी बहादुरी का अहसास है लेकिन, यह एक अनजान दुश्मन को चुनौती देने लायक नहीं, क्योंकि यह दुश्मन पुलवामा या कारगिल जैसा नहीं है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button