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दिल्ली में 27 साल बाद खिला कमल, सत्ता से बाहर हुई आम आदमी पार्टी

दिल्ली में 27 साल बाद भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने जीत दर्ज की है। बीजेपी अब केंद्र के साथ-साथ दिल्ली में भी डबल इंजन की सरकार बनाने जा रही है। बीजेपी ने दिल्ली की सत्ता में काबिज आम आदमी पार्टी को करारी हार दी है।

नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा के चुनावी परिणाम में भारतीय जनता पार्टी (BJP) अरविंद केजरीवाल की पार्टी पर भारी पड़ गई। साल 2012 के आंदोलन से निकली आम आदमी पार्टी (AAP) पहली बार दिल्ली में विधानसभा का चुनाव हारी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने चुनावी भाषणों में केजरीवाल की पार्टी को ‘आप-दा’ कह कर संबोधित किया था। आम आदमी पार्टी को दिल्ली के लोगों को खतरा बताया था। वहीं, अब भारतीय जनता पार्टी (BJP) 27 साल बाद दिल्ली की सत्ता में वापसी करने जा रही है।

केजरीवाल और सिसोदिया समेत ये नेता हारे चुनाव

आज आए चुनावी नतीजों में आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल और पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया सहित सत्तारूढ़ दल के कई अन्य प्रमुख नेता चुनाव हार गए हैं। दिल्ली सरकार में पूर्व मंत्री रहे सत्येंद्र जैन और सौरभ भारद्वाज भी पीछे चल रहे हैं। चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक दोपहर एक बजे तक आए रुझानों में भाजपा दिल्ली की 70 में से 48 सीट पर निर्णायक बहुमत की ओर बढ़ती दिख रही है, जबकि आम आदमी पार्टी 22 सीट पर सिमटने के कगार पर है।

साल 1993 में जीती थी बीजेपी

दिल्ली में पांच फरवरी को हुए चुनाव में 1.55 करोड़ पात्र मतदाताओं में से 60.54 प्रतिशत ने मतदान किया था। बीजेपी ने 1993 में दिल्ली में सरकार बनाई थी। उस चुनाव में उसे 49 सीट पर जीत मिली थी। अन्ना आंदोलन से नेता के रूप में उभरे अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ने 2015 में 67 सीट जीतकर सरकार बनाई और 2020 में 62 सीट जीतकर सत्ता में धमाकेदार वापसी की थी।

AAP सरकार के नेताओं को जाना पड़ा जेल

इसके पहले 2013 के अपने पहले चुनाव में आम आदमी पार्टी ने 31 सीट जीती थीं लेकिन वह सत्ता से दूर रह गई थी। बाद में कांग्रेस के समर्थन से केजरीवाल पहली बार दिल्ली के मुख्यमंत्री बने थे। इस बार सत्ता की अग्रसर बीजेपी 2015 के चुनाव में सिर्फ तीन सीट पर सिमट गई थी जबकि 2020 के चुनाव में उसके सीट की संख्या बढ़कर 8 हो गई थी। वैकल्पिक और ईमानदार राजनीति के साथ भ्रष्टाचार पर प्रहार के दावे के साथ राजनीति में कदम रखने वाले केजरीवाल और उनकी आम आदमी पार्टी को इस चुनाव से पहले कई आरोपों का भी सामना करना पड़ा और उसके कई नेताओं को जेल भी जाना पड़ा।

शीशमहल बनाने का लगा आरोप

बीजेपी ने शराब घोटाले से लेकर ‘शीशमहल’ बनाने जैसे आरोप लगाकर केजरीवाल और आप के कथित भ्रष्टाचार को इस चुनाव में मुख्य मुद्दा बनाया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इन विषयों पर लगातार हमले किए। हरियाणा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद दिल्ली में बीजेपी को मिली जीत कई मायनो में अहम है।

बीजेपी ने पेश किया ‘मोदी मॉडल

आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक दिल्ली को विकास का ‘केजरीवाल मॉडल’ बताकर चुनाव मैदान में थे जबकि बीजेपी ने इसके खिलाफ विकास का ‘मोदी मॉडल’ पेश किया था। इसके तहत बीजेपी ने जहां अपने संकल्प पत्र में मुफ्त बिजली, पानी सहित आप सरकार की अन्य कल्याणकारी योजनाओं को जारी रखने के साथ ही महिलाओं को 2500 रुपये का मासिक भत्ता और 10 लाख रुपये तक का ‘मुफ्त’ इलाज सहित कई अन्य वादे किए थे।

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