पेट साफ रखने लिए घर पर ही बनाएं ये मशहूर आयुर्वेदिक चूरन
चलिए जानते हैं कि घर पर ही बुकनू को कैसे तैयार किया जाए ताकि आपको पेट की परेशानियों के लिए डॉक्टरी दवाएं कम लेनी पड़ें।
बुकनू बनाने के लिए आपको किचन के मसालों के साथ साथ कुछ आर्युवेदिक मसाले लेने होगे। जो किराने की दुकान से मिल जाएंगे या ऑनलाइन भी इन्हें ऑर्डर किया जा सकता है।
बड़ी हरण (हर्र भी बोली जाती है), छोटी हरण, बहेड़ा, वायविडंग और सूखा आंवला को पचास पचास ग्राम ले लीजिए। एक बड़ी चम्मच जीरा, एक छोटी चम्मच अजवायन और सौंफ, पांच बड़ी इलाइची और इतनी ही छोटी इलाइची, एक चम्मच काली मिर्च और एक चम्मच सौंठ, 20 ग्राम छोटी पीपल, नौसादर, एक बड़ा चम्मच काला नमक, दो चम्मच सामान्य नमक, एक छोटी चम्मच सेंदा नमक, पांच टुकड़े बड़ी हल्दी, 20 ग्राम मरोड़ फली एक चम्मच हींग, 100 ग्राम सरसों का गर्म करके ठंडा किया हुआ सरसों का तेल।
इस चूरन को तैयार करना बड़ा ही आसान है।
आपको हर्र, सौंठ, हल्दी और बहेड़ा जैसे मसालों को पहले थोड़े से सरसों के तेल में तलना होगा। ये भूरे रंग के हो जाएं तो गैस से उतार लीजिए।
कुछ मसाले जैसे सूखा आंवला, मरोड़ फली, इलाइची और पीपल को बिना तेल के भूनना होगा। अंदाजन पांच से सात मिनट तक भूनेंगे तो खुशबू आनी शुरू हो जाएगी। इसी कढ़ाई में जीरा, सौंफ, अजवायन भी भून लीजिए और साथ में हींग भी भून लीजिए। हींग भूनने के साथ ही आपको शानदार महक आनी शुरू हो जाएगी।
जिन मसालों के अंदर गुठली दिखे वो निकाल दीजिए। अब मिक्सी में सभी मसालों को एक साथ भूनना होगा। ये थोड़ा मुश्किल टास्क है। इसलिए बड़े मसालों को पहले पीस लीजिए और फिर उन पिसे मसालों में छोटे मसालों को पीस लीजिए। फिर एक छलनी में इसे छानिए, बारीक पाउडर को स्टोर कीजिए और ऊपर बचे मोटे पाउडर को फिर से पीस लीजिए। अब इसे एक एयरटाइट कंटेनर में रखिए और जब चाहे यूज कीजिए।
नोट – यहां बुकनू के लिए सभी मसाले बताए गए हैं, अगर किसी वजह से कोई मसाला नहीं मिल पाता है तो उसके बिना भी बुकनू बनाया जा सकता है क्योंकि हर मसाले के कई विकल्प यहां मिक्स किए गए हैं।
बुकनू के फायदे
जिन लोगों को अफारा, एसिडिटी या पेट फूलने की दिक्कत रहती है, वो रोज रात को एक चम्मच बुकनू की फंकी गर्म पानी से लेकर सो जाएं तो सुबह पेट बिलकुल साफ हो जाता है और गैस की समस्या भी खत्म हो जाती है।
इससे पेट के कीड़े भी समाप्त हो जाते हैं। गले में पुरानी कफ से भी आराम मिलता है और पाचन शक्ति बढ़ जाती है।