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ममता और राहुल ने की प्रधानमंत्री के इस्तीफे की मांग
नई दिल्ली। नोटबंदी को पूरी तरह से विफल करार देते हुए कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से सहारा दस्तावेजों और बिरला मामले में उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों पर देश को जवाब देने और अपनी ईमानदारी पर उठे सवालों पर स्थिति स्पष्ट करने की मांग की है जबकि तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने नोटबंदी को सबसे बड़ा घोटाला बताया और 50 दिन में स्थिति सामान्य नहीं होने पर प्रधानमंत्री मोदी से इस्तीफा देने की मांग की। विपक्ष दलों की ओर से आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में मोदी सरकार को घेरने की रणनीति का ऐलान भी किया गया।
कांग्रेस उपाध्यक्ष के साथ तृणमूल कांग्रेस, राजद, द्रमुक, आईयूएमएल, एआईयूडीएफ, जेडीएस, जेएमएम जैसे दलों के नेता मौजूद थे। लेकिन इस मुद्दे पर संसद सत्र में साथ देने वाले वामदल, जदयू, राकांपा, सपा और बसपा के नेता आज संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में अनुपस्थित रहे। प्रधानमंत्री पर प्रहार करते हुए ममता ने कहा कि मोदीजी ने अच्छे दिन लाने की बात कही थी। क्या यही अच्छे दिन है? बैंकिंग व्यवस्था पूरी तरह से बर्बाद हो गई है। किसान, मजदूर, गरीब परेशान हैं। छोटे उद्योग धंधे बंद हो रहे हैं। गरीब लोगों से पैसे लूट कर एनपीए को लाभ दिया जा रहा है।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने कहा कि मोदीजी ने 50 दिन का समय मांगा था। जनता ने मुश्किल सहने के बावजूद उन्हें समय दिया। हमारा देश 20 साल पीछे चला गया है। जीडीपी नीचे जा रहा है। अब सवाल उठता है कि 50 दिन बाद रोक नहीं वापस ली जाती है और स्थिति में कोई सुधार नहीं होता है तब क्या होगा? उन्होंने सवाल किया, ”क्या प्रधानमंत्री इस्तीफा देंगे? 47 दिन गुजर चुके हैं और तीन दिनों में आप कोई जादूगर तो नहीं हैं कि स्थिति बदल दें। ऐसे में क्या आप इस्तीफा देंगे?’’
राहुल गांधी ने खुद तो प्रधानमंत्री के इस्तीफे की मांग नहीं की लेकिन जब उनसे ममता बनर्जी द्वारा प्रधानमंत्री से इस्तीफा मांगने के बारे में बार बार पूछा गया तो उन्होंने कहा कि यह ममताजी का सुझाव है। हम सुझाव का समर्थन करते हैं। यह पूछे जाने पर कि अगर प्रधानमंत्री ने इस्तीफा नहीं दिया तब क्या कदम उठायेंगे, कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा, ”हम उन पर इस्तीफा देने के लिए दबाव डालेंगे।’’
बहरहाल, ममता ने कहा कि नोटबंदी के पीछे कोई छिपा एजेंडा है। ”मुझे मालूम नहीं है लेकिन आने वाले दिनों में इसके बारे में पता चल जायेगा। अच्छे दिन के नाम पर देश के लोगों को लूट लिया गया।’’ प्रधानमंत्री के कैशलेस अर्थव्यवस्था को अपनाने के सुझाव पर तीखा प्रहार करते हुए ममता ने कहा, ”अमेरिका, जर्मनी में नकदी व्यवस्था चल रही है, कैश चल रहा है। लेकिन हमारे देश में मोदी सरकार कैशलेस के नाम पर ‘फेसलेस’ हो गई है और वह ‘बेसलेस’ भी हो गई है।’’ तृणमूल प्रमुख ने कहा कि नोटबंदी कोई सामान्य मुद्दा नहीं है। इस मुद्दे पर हमें जितना आगे जाना होगा.. हम आगे जायेंगे। सरकार कर संशोधन विधेयक, निशक्त जनों के सशक्तिकरण के विधेयक के विषय को आगे बढ़ाती है लेकिन नोटबंदी पर संसद में एक शब्द नहीं कहती है।