पकड़ा गया योगी आदित्यनाथ को धमकी देने वाला शख्स, राजस्थान से हुआ गिरफ्तार
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बम से उड़ाने की धमकी देने वाले शख्स को गिरफ्तार कर लिया गया है। लखनऊ साइबर सेल ने राजस्थान के भरतपुर से सरफराज को गिरफ्तार किया है। इस शख्स ने सीएम योगी को यूपी 112 के व्हाट्सएप नंबर पर धमकी दी थी, जिसके बाद सुशांत गोल्फ सिटी थाने में एफआईआर दर्ज हुई थी।
योगी को मिली धमकी
शनिवार को खबर सामने आई थी कि यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) को जान से मारने की धमकी मिली है। सीएम योगी (CM Yogi) को बम से उड़ाने की धमकी दी गई है। लखनऊ के आलमबाग इलाके में रहने वाले देवेंद्र तिवारी के घर पर एक बैग में धमकी भरी चिट्ठी मिली है, जिसमें सीएम योगी और देवेंद्र तिवारी को बम से उड़ाने की धमकी दी गई है।
देवेंद्र ने अवैध बूचड़खानों के खिलाफ कोर्ट में PIL डाल रखी है। देवेंद्र के घर पर मिली इस चिट्ठी में कहा गया है कि बाकी लोगो की गर्दन काटी है, तुम दोनों (सीएम योगी और देवेंद्र) को बम से उड़ाएंगे। चिट्ठी में लिखा है कि अवैध बूचड़खानों के खिलाफ PIL करने से मुसलमानों के पेट पर लात पड़ी है। इसके अलावा लिखा है कि ओवैसी और मौलाना मदनी को तुम लोगों ने रुलाया है, इसलिए उनके आंसुओ का हम बदला लेंगे। पुलिस ने FIR दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
पहले भी मिल चुकी है धमकी
सीएम योगी (CM Yogi) को इससे पहले भी बम के हमले की धमकी मिली थी। यह धमकी पुलिस कंट्रोल रूम 112 के व्हाट्सएप पर भेजे एक मैसेज के जरिए दी गई थी। धमकी देने वाले ने अपना नाम शाहिद बताया और कहा कि तीन दिन में बम से उड़ा दिया जाएगा। जिसके बाद पुलिस ने सुशांत गोल्फ सिटी कोतवाली में इस सम्बन्ध में एफआईआर दर्ज करा दी थी। पुलिस प्रशासन और खुफिया एजेंसी इस मामले की जांच कर रही हैं।
कंट्रोल रूम यूपी-112 के ऑपरेशन कमांडर सुभाष कुमार ने एफआईआर दर्ज कराई है कि दो अगस्त की शाम को ऑपरेशन इंटरनेट मीडिया के व्हाट्सएप नम्बर पर मैसेज आया कि सीएम योगी को तीन दिन के अंदर बम से उड़ा देंगे। सुभाष ने इसकी जानकारी सम्प्रेक्षण अधिकारी अंकिता दुबे को दी। पुलिस ने मैसेज का स्क्रीन शॉट लेकर खुफिया एजेन्सियों को भी दिया है।
इस मैसेज के बाद प्रदेश पुलिस अलर्ट हो गई थी। पुलिस ने तहरीर के आधार पर केस दर्ज कर लिया था। पुलिस अब मोबाइल नंबर के आधार पर आरोपी की तलाश कर रही। उसकी गिरफ्तारी के लिए टीमें बनाकर जांच में लगा दी गई थीं। सर्विलांस और साइबर सेल की टीम समेत पुलिस की कई अन्य टीमें मोबाइल नंबर के आधार पर आरोपी के बारे में जानकारी जुटा रही थीं और धमकी देने वाले की लोकेशन को ट्रेस किया जा रहा था।