देहरादून। सर्दी की मार से उत्तराखंड वासियों को अभी राहत नहीं मिलेगी। यदि मौसम विभाग की मानें तो मौसम केंद्र की ओर से जारी बुलेटिन के अनुसार राज्य के ज्यादातर इलाकों में आज (मंगलवार) भी बारिश और बर्फबारी का अनुमान है। 2500 मीटर से अधिक ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फ गिर सकती है। इससे निचले इलाकों में बारिश के आसार है। इससे अधिकतम और न्यूनतम तापमान में गिरावट आ सकती है।
चमोली जिले में अभी भी 40 से अधिक गांव बर्फ से ढके हैं, जबकि दर्जनों गांवों में अभी भी हल्की बर्फ जमी है। वहीं जिले के तीन गांवों में बिजली आपूर्ति बहाल नहीं हो पाई है। बीते सप्ताह जिले में हुई बर्फबारी में जिले के कई गांव बर्फ से ढक गए थे। धूप खिली तो इन कई गांवों की बर्फ पिघल गई लेकिन ग्रामीणों की समस्याएं जस की तस बनी हैं। स्थिति यह है कि ठंड से कई गांवों में पाइप लाइनों में पानी जम गया है।
लोगों के खेत खलियान सब बर्फ से ढके हैं। जंगल में भी पेड़ों पर बर्फ जमी है। ऐसे में लोगों को चारा पत्ती लाने में भी भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। उधर, जोशीमठ ब्लॉक के डुमक-कलगोट और बैनाकुली व दशोली ब्लॉक के ईराणी और धारकुमाला में बिजली आपूर्ति बहाल नहीं हो पाई है। इन गांवों की बिजली बहाली के लिए ऊर्जा निगम के कर्मचारी लगातार काम कर रहे हैं, लेकिन बर्फबारी के बीच काम करने में कर्मचारियों को परेशानी उठानी पड़ रही है।
दोपहर बाद मौसम के बदले मिजाज के बीच पछवादून और जौनसार बावर की पहाड़ियों पर झमाझम बारिश हुई। बारिश के बीच ऊंची चोटियों पर बर्फ की फुहारें भी पड़ी। बारिश और बर्फबारी के बीच पूरा क्षेत्र कड़ाके की ठंड की चपेट में आ गया है। शाम ढलते ही बाजारों में सन्नाटा पसर गया।
दिनभर लोग दुकानों, मुहल्लों और घरों में अलाव तापते नजर आए। सोमवार को विकासनगर का अधिकतम तापमान 16 और न्यूनतम 12 डिग्री रिकॉर्ड किया गया। वहीं चकराता का अधिकतम तापमान सात डिग्री और न्यूनतम तीन डिग्री रिकॉर्ड किया गया।
लोग सोकर उठे तो आसमान में बादल छाए हुए थे। दोपहर बाद मौसम की रंगत बदलने लगी। शाम 3:30 बजते-बजते आसमान में काले बादल छा गए। झमाझम बारिश का दौर शुरू हो गया जो देर शाम तक जारी रहा। इस दौरान कई इलाकों में तेज हवाएं भी चली। जिसके चलते कई जगहों पर पेड़ों की टहनियां टूट गई।
आसमान बादल भी गरजे। कराता की ऊंची चोटिया लोखंडी, देववन, मुंडाली, मोइला टॉप आदि इलाकों में बर्फ की फुहारें पड़ी। बारिश के चलते पूरा क्षेत्र शीतलहर की चपेट में आ गया। शाम ढलते ही लोग घरों में दुबक गए।