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मासूम से गैंगरेप पर कोर्ट में सुनवायी हुई शुरू

देहरादून। सहसपुर में जुलाई में हुए आठ साल की बच्ची से सामूहिक दुष्कर्म के मामले में किशोर न्याय बोर्ड ने सुनवाई शुरू कर दी है। अभी इस प्रकरण में गवाहों के बयान दर्ज होने शुरू हुए हैं। इसके बाद बाल अपचारियों पर आरोप तय होंगे। आरोपितों की उम्र दस से चौदह वर्ष के बीच होने के कारण सभी बाल अपचारियों के खिलाफ जेजे बोर्ड में ही केस चलेगा।

बता दें कि बीती 15 जुलाई को सहसपुर थाना क्षेत्र में आठ साल की बच्ची से सामूहिक दुष्कर्म का सनसनीखेज मामला प्रकाश में आया था। पुलिस ने जांच की तो पता चला कि दुष्कर्म करने वाले सभी आरोपित नाबालिग हैं। पूछताछ में पता चला कि दुष्कर्म से पूर्व पांचों ने बच्ची को मोबाइल पर पोर्न फिल्म दिखाई थी।

इस मामले में सहसपुर पुलिस ने ढाई महीने तक चली विवेचना के बाद आरोप पत्र किशोर न्याय बोर्ड में दाखिल कर दिया। रिपोर्ट में दस्तावेजों के जरिये बताया गया है कि सभी बाल अपचारियों की उम्र दस से चौदह वर्ष के बीच है। ऐसे में इन पर लगे आरोपों की सुनवाई जेजे बोर्ड ही करेगा। जेजे बोर्ड के अध्यक्ष भवदीप रावत ने बताया कि चार्जशीट की प्रति पहले बाल अपचारियों को दी जाएगी। इसके बाद गवाहों के बयान होंगे, फिर आरोप तय करने को लेकर सुनवाई होगी।

उधर जीआरडी वर्ल्‍ड की मान्यता रद होने के बाद अब स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों की शिफ्टिंग पर पेच फंसा हुआ है। सीबीएसई और शिक्षा विभाग को मिलकर इस प्रक्रिया को निपटाना है, लेकिन अभी तक कोई ठोस कार्यवाही नहीं हो पाई है। इधर, स्कूलों में अर्द्धवार्षिक परीक्षाएं भी आयोजित होंगी। ऐसे में अगर जल्द ही ये प्रक्रिया शुरू नहीं की गई तो बच्चों का भविष्य अंधकारमय हो सकता है। बीती 17 सितंबर को जीआरडी वर्ल्‍ड में छात्रा से सामूहिक दुष्कर्म का मामला सामने आया था। जिसके बाद 26 सितंबर को सीबीएसई ने प्रदेश सरकार की सिफारिश पर स्कूल की मान्यता रद कर दी।

इसके बाद सीबीएसई ने स्कूल में पढ़ रहे बच्चों को शिफ्ट करने की जिम्मेदारी शिक्षा विभाग पर डाल दी। खंड शिक्षा अधिकारी सहसपुर की ओर से शिफ्टिंग को लेकर प्रस्ताव निदेशालय को भेजा गया और आसपास के चार स्कूलों को भी इसे लेकर प्रस्ताव भेजा गया। भाऊवाला क्षेत्र में सीबीएसई से संबद्ध चार स्कूल हैं। इनमें एसएन मेमोरियल पब्लिक स्कूल, दून वैली स्कूल, बलूनी पब्लिक स्कूल और दून हेरिटेज स्कूल शामिल हैं। अब इन स्कूलों में बच्चों को शिफ्ट किया जाना है।

शिक्षा विभाग की ओर से इन स्कूलों को ये भी निर्देशित किया गया कि अगर बच्चे या अभिभावक चाहें तो उन्हें दाखिला दिया जा सकता है। इधर ये बात भी सामने आ रही है कि स्कूल प्रबंधन बच्चों को टीसी देने में आनाकानी कर रहा है। अभिभावकों को पांच अक्टूबर तक इंतजार करने को कहा जा रहा है। इस मामले में पांच अक्टूबर को कोर्ट में सुनवाई होनी है। अभिभावकों को बरगलाया जा रहा है। यह तक कहा जा रहा है कि मामला जल्द सुलझ जाएगा। मुख्य शिक्षाधिकारी एसबी जोशी ने बताया कि बच्चों को शिफ्ट करने के लिए सीबीएसई से सहमति ली जाएगी। जिसके बाद ही बच्चों को शिफ्ट किए जाने की प्रक्रिया आगे बढ़ेगी।

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