उपराष्ट्रपति चुनाव में मायावती ने विपक्ष को दिया बड़ा झटका, पढ़िए पूरी खबर
नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति चुनाव में बीएसपी चीफ मायावती ने विपक्ष को झटका देते हुए अपना समर्थन एनडीए उम्मीदवार जगदीप धनखड़ को दे दिया है। उन्होंने बुधवार को सिलसिलेवार ट्वीट कर इसकी औपचारिक घोषणा की। मायावती ने ट्वीट किया, ‘‘उपराष्ट्रपति पद के लिए हो रहे चुनाव में भी व्यापक जनहित एवं अपनी मुहिम को ध्यान में रखकर जगदीप धनखड़ को अपना समर्थन देने का फैसला किया है और मैं आज इसकी औपचारिक घोषणा कर रही हूं।” मायावती ने एक और ट्वीट में लिखा, ‘‘सर्वविदित है कि देश के राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव में सत्ता एवं विपक्ष के बीच आम सहमति ना बनने की वजह से ही इसके लिए अंतत: चुनाव हुआ। अब ठीक वही स्थिति बनने के कारण उपराष्ट्रपति पद के लिए भी 6 अगस्त को चुनाव होगा।”
विपक्ष की साझा उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा को झटका
माना जा रहा था कि मार्गरेट अल्वा के महिला होने के नाते मायावती शायद उन्हें अपना समर्थन दें। लेकिन ऐसा हुआ नहीं, मायावती ने सोचसमझ कर अपना निर्णय लिया और जीतने वाले उम्मीदवार को अपना समर्थन दिया। मार्गरेट अल्वा की बात करें तो वह कांग्रेस पार्टी की महासचिव रहीं हैं। इसके आलावा 1974 से 2004 तक वह 5 बार सासंद भी रहीं। उन्होंने केन्द्र सरकार में महत्वपूर्ण महकमों की राज्यमंत्री के रूप में भी काम किया। सासंद रहते हुए उन्होंने महिला-कल्याण के कई कानून पास कराने में अपनी प्रभावी भूमिका अदा की। महिला सशक्तिकरण संबंधी नीतियों का ब्लू प्रिन्ट बनाने और उसे केन्द्र एवं राज्य सरकारों द्वारा स्वीकार कराये जाने की प्रक्रिया में उनका मूल्यवान योगदान रहा। केवल देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी उन्होंने मानव-स्वतन्त्रता और महिला-हितों के लिए काम किया। दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति ने उन्हें राष्ट्रीय सम्मान से नवाजा भी। उन्होंने 6 अगस्त 2009 से 14 मई 2012 तक उत्तराखण्ड की पहली महिला राज्यपाल के रूप में कार्य किया। 12 मई 2012 से वह राजस्थान की राज्यपाल हैं।
उपराष्ट्रपति का चुनाव
उपराष्ट्रपति का चुनाव भी राष्ट्रपति चुनाव की तह इलेक्टोरल कॉलेज के जरिए होता है। इस पद पर निर्वाचित शख्स जनप्रतिनिधियों की पसंद होता है। राष्ट्रपति चुनाव में मनोनीत सांसद वोट नहीं डाल सकते हैं, लेकिन उपराष्ट्रपति चुनाव में ऐसा नहीं है। उपराष्ट्रपति चुनाव में लोकसभा और राज्यसभा के मननीत सदस्य भी वोट कर सकते हैं। इस तरह से उपराष्ट्रपति चुनाव में दोनों सदनों के 790 सदस्य वोटिंग में हिस्सा लेते हैं।