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मुख्य डाकपाल पर लगाया 50 हजार का जुर्माना

नैनीताल। एक अहम फैसले के तहत मुख्य डाकपाल पर जुर्माना लगाया है। जिला उपभोक्ता फोरम ने अधिवक्ता को भेजी गई स्पीड पोस्ट डाकघर द्वारा वापस करने के मामले में अहम फैसला देते हुए मुख्य डाकपाल, मुख्य डाकपाल करनाल(हरियाणा) पर 50 हजार का जुर्माना लगाया है। साथ ही मुख्य डाकपाल हल्द्वानी के खिलाफ परिवाद को निरस्त कर दिया। फोरम ने फैसले में कहा है कि परिवादी के अनेक प्रयासों, शिकायतों और उच्चाधिकारियों को पत्र लिखने के बाद स्पीड पोस्ट गंतव्य तक पहुंचने में 38 दिन का समय लगा।

अमरावती, मल्ली बमौरी हल्द्वानी निवासी डॉ नरेश चन्द्र वार्ष्णेय ने फोरम में वाद दायर कर कहा कि पिछले साल 12 सितंबर को उनके द्वारा बलराज सांगवान एडवोकेट, मकान नंबर-14, चार अंसल रोड करनाल हरियाणा के पते पर रजिस्ट्री भेजी। इस पते पर कई रजिस्ट्रियां और स्पीड पोस्ट डाकघर करनाल द्वारा प्राप्त की गई। लेकिन 12 सितंबर को भेजी गई रजिस्ट्री पोस्ट ऑफिस करनाल द्वारा वापस लौटा दी गई। वजह इस नाम का कोई नहीं है और सेक्टर चार में नहीं बताया। डाक वितरण में लापरवाही के लिए यह तथ्य लिखा गया।

27 सितंबर को अधिवक्ता बलराज सांगवान को फिर से उसी पते पर सिविल न्यायालय करनाल में चल रहे वाद से संबंधित स्पीड पोस्ट भेजी गई मगर, उसे भी टिप्पणी के साथ लौटा दिया गया। ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराने के बाद डाकघर करनाल द्वारा लिखित पते पर ही स्पीड पोस्ट पहुंचाया। इसके बाद लीगल नोटिस दिया गया। बार-बार नोटिस के बाद भी विपक्षीगणों द्वारा नोटिस का जवाब नहीं दिया गया।

जिसके बाद फोरम अध्यक्ष यूएस नबियाल, वरिष्ठ सदस्य मंजू कोटलिया और सदस्य राजेंद्र परगाई द्वारा एकपक्षीय वाद स्वीकार करते हुए मुख्य डाकपाल करनाल हरियाणा को एक माह के भीतर परिवादी पंजीकृत डाक व स्पीड पोस्ट के वितरण में गंभीर लापरवाही पर आर्थिक क्षति के रूप में 50 हजार तथा परिवाद व्यय के के लिए पांच हजार अदा करने के आदेश पारित किए। साथ ही मुख्य डाकपाल हल्द्वानी के विरुद्ध परिवाद को निरस्त कर दिया।

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