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मुख्यमंत्री को लिखे गुमनाम खत से हड़कंप

देहरादून। मुख्यमंत्री को संबोधित पुलिस महकमे से संबंधित गुमनाम पत्र एक बार फिर मीडिया तक पहुंचा है। हालांकि, पुलिस महकमा इस तरह का कोई पत्र न मिलने का दावा कर रहा है। इस संबंध में प्रदेश डीजीपी अनिल कुमार रतूड़ी ने कहा कि अगर ऐसा कोई पत्र है भी तो वह फर्जी हो सकता है।

गुरुवार को तमाम मीडिया दफ्तरों में एक गुमनाम पत्र पहुंचा। जिसमें पुलिस कर्मचारियों को दी जाने वाली सुविधाओं को नाकाफी बताते हुए नाराजगी जाहिर की गई। इस पत्र में वेतन विसंगति, भत्ते, अवकाश, वीआइपी ड्यूटी, पुलिस कर्मियों के बच्चों को सेना भर्ती में आरक्षण स्वास्थ्य सुविधा जैसे मुद्दों का जिक्र किया गया है। पत्र में कहा गया कि इन मसलों पर हल न निकलने की स्थिति में कर्मचारी आंदोलन का रास्ता अख्तियार करने को विवश होना पड़ेगा।

यह अलग बात है कि पुलिस महकमे के अधिकारी इस तरह का कोई पत्र अभी तक न मिलने की बात कह रहे हैं। इसमें किसी शरारती तत्व का हाथ होने का भी अंदेशा है। लेकिन, मीडिया के जरिये इस तरह की सूचनाएं मिलने के बाद विभाग हरकत में आया है। बता दें कि करीब डेढ़ साल पहले इस तरह के पत्र मीडिया के जरिये सुर्खियों में आया था।

तब शुरू में पुलिस अधिकारियों ने भी सामान्य तौर पर लिया। लेकिन, बाद में मिशन आक्रोश जैसा रूप सामने आने के बाद आला अधिकारियों को स्थिति स्पष्ट करनी पड़ी थी। हालांकि, उसके बाद सुविधाओं में सुधार हुआ। वहीं, विभाग ने इस तरह के आंदोलन करने वालों पर कड़ी कार्रवाई भी की थी।

इसी के मद्देनजर इन चर्चाओं को भी पुलिस महकमा गंभीरता से लेने के साथ ही इसकी सत्यता का पता लगाने की कोशिशों में जुटा है। इधर, डीजीपी अनिल कुमार रतूड़ी ने इस तरह के पत्रों को फर्जी बताया। कहा कि पुलिस कर्मियों को नियमानुसार सुविधाएं दी जा रही है।

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